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एयरक्राफ्ट में अब मेड इन इंडिया 'ब्लैक बाक्स'

डीएमएसआरडीई ने एक वर्ष पहले 'काम्पैक्ट प्रोटेक्टिव मेमोरी मॉड्यूल बनाकर एयरफोर्स को भेजा था। एयरफोर्स अपने एयरक्राफ्ट में लगाकर इसका ट्रायल कर रही थी, अब ट्रायल पूरा हो चुका है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 17 Jan 2017 11:55 AM (IST)Updated: Wed, 18 Jan 2017 12:41 PM (IST)
एयरक्राफ्ट में अब मेड इन इंडिया 'ब्लैक बाक्स'
एयरक्राफ्ट में अब मेड इन इंडिया 'ब्लैक बाक्स'

कानपुर [संग्राम सिंह]। एयरक्राफ्ट की गतिविधियां बताने वाला 'ब्लैक बाक्स' कानपुर में भी तैयार हो सकेगा। यानी एयरक्राफ्ट में भी अब काफी कुछ मेड इन इंडिया होगा।

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मेन एयरफोर्स के ग्राउंड ट्रायल में काम्पैक्ट प्रोटेक्टिव मेमोरी मॉड्यूल उपकरण (देसी ब्लैक बाक्स) पास हो गया है। डिफेंस मैटेरियल्स स्टोर्स रिसर्च एंड डेवलपेमेंट इस्टेब्लीसमेंट (डीएमएसआरडीई), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) कोरबा और कानपुर की एक कंपनी को 32 उपकरण बनाने का ऑर्डर मिला है।

अभी तक देश के लड़ाकू एयरक्राफ्ट व विमानों में जर्मनी से आयात कर ब्लैक बाक्स लगाया जाता है। डीएमएसआरडीई ने एक वर्ष पहले 'काम्पैक्ट प्रोटेक्टिव मेमोरी मॉड्यूल बनाकर एयरफोर्स को भेजा था। एयरफोर्स अपने एयरक्राफ्ट में लगाकर इसका ट्रायल कर रही थी, अब ट्रायल पूरा हो चुका है। उसने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन करने के लिए कहा है। एचएएल ने अपनी कोरबा शाखा के अलावा डीएमएसआरडीई व गुडरिच इंडस्ट्री कानपुर को 32 उपकरण बनाने का आर्डर भेजा है।

डीएमएसआरडीई कानपुर ने उत्पादन की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। इसके निदेशक डा. एन. ईश्वर प्रसाद ने बताया कि उत्पादन का आर्डर मिल चुका है, अब हम काम भी शुरू करने जा रहे। एयरफोर्स को यह उपकरण बेहद पसंद आया है।

बताता है एयरक्राफ्ट की लोकेशन

अमूमन एयरक्राफ्ट के अंदर हर गतिविधि को रिकार्ड करने की क्षमता ब्लैक बाक्स में होती है। इसलिए हादसे के बाद इसी ब्लैक बाक्स की तलाश की जाती है, इससे ही जाना जा सकता है कि आखिर हादसे के क्या कारण थे और जहाज कहां पर है। अब देशी ब्लैक बाक्स के रुप में पहली बार उत्पादन शुरू होने जा रहा है। काम्पैक्ट प्रोटेक्टेड मेमोरी मॉड्यूल आफ फ्लाइट डाटा रिकार्डर अभी तक कई परीक्षणों से गुजर चुका है।

इनके साथ मिलकर तैयार हुआ उपकरण

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कोरबा, आरसीएमए कोरबा, डीजीएक्यूए कोरबा, एनएसटीएल, एचएएल कानपुर, वीसीबी इलेक्ट्रानिक पुणे, गुडरिच इंडस्ट्रीज पनकी कानपुर और एचएल इनफोटेक बेंगलूरु।

झेल सकता है 230 किलोग्राम वजन

'काम्पैक्ट प्रोटेक्टिव मेमोरी मॉड्यूल'एक तरह से फ्लाइट डाटा रिकार्डर है, जो बेहद मजबूत होगा। अगर तीन मीटर ऊंचाई से 230 किलोग्राम वजन की वस्तु इस यंत्र पर गिरेगी तो भी यह नहीं टूटेगा।

'स्टेल्थ' पर भी काम शुरू

डीएमएसआरडीई ने 'स्टेल्थ' उपकरण पर काम चालू कर दिया है। इस यंत्र के लगने से एयरक्राफ्ट को आकाश में गायब किया जा सकता है। इस पर रडार, रेडियो सिग्नल व डेजीनेटर्स की तरंगों का कोई असर नहीं पड़ेगा। इसी उपकरण के सहारे लड़ाकू एयरक्राफ्ट अदृश्य स्थिति में दुश्मन के इलाके में प्रवेश भी करेगा और वापस भी आ जाएगा लेकिन दुश्मन को इसकी भनक तक नहीं लगेगी।


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