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Next President: सामाजिक सरोकारों से जुड़कर घाटमपुर से रायसीना हिल्स

वर्ष 1991 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर घाटमपुर से लोकसभा का चुनाव लड़े रामनाथ कोविंद को सफलता नहीं मिली थी लेकिन जनजुड़ाव सतत कायम रखा।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 20 Jul 2017 05:47 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jul 2017 11:49 PM (IST)
Next President: सामाजिक सरोकारों से जुड़कर घाटमपुर से रायसीना हिल्स
Next President: सामाजिक सरोकारों से जुड़कर घाटमपुर से रायसीना हिल्स

कानपुर (जेएनएन)। वर्ष 1991 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर घाटमपुर से लोकसभा का चुनाव लड़े रामनाथ कोविंद को भले ही सफलता नहीं मिली थी लेकिन, इस दौरान उन्होंने लोगों से जो जुड़ाव बनाया, उसे सियासत के ऊंचे मुकाम हासिल करने के बाद भी सतत कायम रखा। वह क्षेत्र के सामाजिक सरोकारों व लोगों के साथ जुड़े रहे और संपर्क में आए लोगों की अपेक्षाओं पर भी हमेशा खरे उतरे। अब रायसीना हिल्स तक उनके इस नए सफर से उनसे जुड़े लोगों की खुशी शिखर पर है। चुनाव के दौरान साथ आए क्षेत्रीयजन के साथ रामनाथ कोविंद नगर के कूष्मांडा देवी मंदिर सुंदरीकरण अभियान, पटेल सेवा मंडल व भरत मिलाप आयोजन के साथ सक्रियता से जुड़े थे। इन कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी के साथ कोविंद वर्ष 1994 व 2000 में राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए तो क्षेत्रीय विकास में जमकर भागीदारी की।

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कूष्मांडा देवी दरबार में अगाध आस्था रखने वाले कोविंद नगर आगमन पर मंदिर पहुंच दर्शन-पूजन करना नहीं भूलते थे। मंदिर सुंदरीकरण अभियान के कर्ताधर्ता रहे पंकज मिश्र बताते हैं कि परिसर के सूखे तालाब देख उन्होंने खुद एक नलकूप स्थापित कराया था। भरत मिलाप समिति के कृष्ण मुरारी पांडेय बताते हैं कि रामनाथ कोविंद कार्यक्रम आयोजन में आर्थिक मदद करने से भी पीछे नहीं हटते थे। उनकी सरलता व सामाजिक सरोकारों के प्रति गंभीरता का उदाहरण देते हुए पटेल सेवा मंडल के अध्यक्ष डा.उदय नारायण सचान बताते हैं कि भरत मिलाप समारोह के मंच पर पहली बार रामनाथ कोविंद से परिचय हुआ। बातचीत के  दौरान उन्होंने पटेल सामुदायिक भवन में बाउंड्रीवॉल व पेयजल संकट की चर्चा की थी। वह इस बात को भूल गए थे लेकिन, कुछ दिनों बाद बाउंड्रीवॉल का निर्माण व हैंडपंप स्थापित हो गया। उनके चुनाव संयोजक रहे बुजुर्ग भाजपा नेता शिव शंकर पांडेय से उनका आज भी गहरा जुड़ाव है। पांडेय कहते हैं कि कोविंद सामाजिक सरोकारों की पूरी पाठशाला है और राजनीति में रहते हुए सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन उनसे सीखा जा सकता है। 

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बहन-बहनोई के सुरक्षित होने की जानकारी दी

बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विनोद त्रिपाठी बताते हैं कि 26 जनवरी, 2001 मेंआए भयंकर भूकंप के दौरान वायुसेना में कार्यरत उनके बहनोई भुज (गुजरात) में तैनात थे। टीवी पर आ रही खबरों के बीच उन्होंने दूरभाष से संपर्क साधने का प्रयास किया लेकिन, संभव न हो सका। दोपहर में रामनाथ कोविंद से मदद मांगी। जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए कोविंद ने शाम पांच बजे उन्हें खुद फोन करके बताया कि बहनोई ट्रेनिंग के सिलसिले में बाहर हैं और बहन रश्मि व बच्चे पूरी तरह सुरक्षित हैं।

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राज्यपाल बन घाटमपुर आने की अधूरी रही इच्छा

रामनाथ कोविंद आखिरी बार वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अरुण तिवारी बाबा के चुनाव प्रचार में घाटमपुर आए थे। बिहार के राज्यपाल बनने के बाद उनकी घाटमपुर आने की प्रबल इच्छा थी। इसका इजहार बीते वर्ष रक्षाबंधन के दौरान पटना राजभवन में उनसे मिलने पहुंचे भाजपा ग्रामीण के महामंत्री उमाशंकर द्विवेदी चुन्नू से उन्होंने किया था। चुन्नू बताते हैं कि उनकी गरिमा के अनुकूल कार्यक्रम की तैयारियां की जा रही थीं, इसी बीच उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। अब बतौर राष्ट्रपति उन्हें घाटमपुर बुलाने का प्रयास होगा।

तस्वीरों में देखें-रामनाथ कोविंद के निर्वाचन पर उत्साह की हिलोरें


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