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वे पत्थर चला रहे थे, हम भौतिकी सिखा रहे थे: आइआइटी प्रोफेसर

आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर एचसी वर्मा ने जम्मू के लोगों के बारे में बताया कि जो सोच उनके लिए हमारे मन-मस्तिष्क में है, उनके स्वभाव से वैसा बिल्कुल नहीं लगा।

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 18 Apr 2017 08:03 PM (IST)Updated: Tue, 18 Apr 2017 08:27 PM (IST)
वे पत्थर चला रहे थे, हम भौतिकी सिखा रहे थे: आइआइटी प्रोफेसर
वे पत्थर चला रहे थे, हम भौतिकी सिखा रहे थे: आइआइटी प्रोफेसर

कानपुर [समीर दीक्षित]। एक ओर घाटी में पत्थरबाजों का शोर और धमाकों की गूंज सुनाई दे रही थी, वहीं दूसरी ओर आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर एचसी वर्मा अपनी टीम के साथ वहां के शिक्षकों को भौतिकी सिखा रहे थे। प्रोफेसर वर्मा ने वहां के लोगों के बारे में बताया कि जो सोच उनके लिए हमारे मन-मस्तिष्क में है, उनके स्वभाव से वैसा बिल्कुल नहीं लगा। उनका व्यवहार ऐसा रहा जैसे वे भी सौहार्दपूर्ण वातावरण चाहते हैं।

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मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रोजेक्ट रेस्पेक्ट जेके (रिवाइटलाइजेशन ऑफ स्कूल फिजिक्स एजुकेशन थ्रू कांसेप्ट ओरिएंटेड टीचिंग) के अंतर्गत प्रो. वर्मा ने अपनी टीम के साथ जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में 550 शिक्षकों को भौतिकी सिखाई। यह प्रशिक्षण अक्टबूर 2016 से लेकर मार्च 2017 तक चला। उनका कहना है कि विज्ञान के माध्यम से केवल आप तमाम जानकारी हासिल कर सकते हैं पर ऐसा नहीं है। विज्ञान से दिलों की दूरियों को भी घटाया जा सकता है।

10वीं के विज्ञान (भौतिकी) को बखूबी समझाया : प्रोफेसर वर्मा व उनकी टीम ने अलग-अलग सत्रों में शिक्षकों को 10वीं के विज्ञान खासतौर से भौतिकी के हर अध्याय को कैसे रुचिकर तरीके से पढ़ाया जाए, उसके लिए टिप्स दिए। दैनिक जीवन में प्रयोग होने वाली रबर बैंड, बेल्ट और चश्मे से भौतिकी के छोटे-छोटे प्रयोग बताए।

कश्मीर घाटी के शिक्षकों में शिक्षा का स्तर बेहतर : प्रोफेसर वर्मा ने कहा जब उन्होंने कश्मीर घाटी के शिक्षकों से बात की तो समझा कि उनके शिक्षा का स्तर जम्मू के शिक्षकों के स्तर (समझ) से बेहतर है। यहां के स्कूलों में शिक्षकों की बेहद कमी है। जिनका भौतिकी का बैकग्राउंड है वे गणित पढ़ा रहे और अधिकांश जीव विज्ञान के शिक्षक भौतिकी पढ़ा रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर का शिक्षा विभाग एक्सीलेंट : प्रोफेसर वर्मा ने कहा, जम्मू-कश्मीर का शिक्षा विभाग एक्सीलेंट है। वहां के प्रशासनिक अफसर परिस्थितियों को देख झट से निर्णय लेते हैं। बोले, यूपी के शिक्षा विभाग को नसीहत लेनी चाहिए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर सरकार को कुछ दिन पहले रेस्पेक्ट जेके प्रोजेक्ट सौंप दिया है।

यहां आयोजित हुए शिविर
जम्मू डिवीजन : जम्मू, सांबा, राजौरी, पुंछ, डोडा, किश्तवर, उधमपुर, रियासी, कठुआ, रामबन।
श्रीनगर डिवीजन : श्रीनगर, बडग़ाम, गांडरबल, बांदीपोरा, कुपवाड़ा व बारामुला, अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा, शोपियां, लेह व कारगिल।
 


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