किसानों के हाथ होगी नहरों की कमान
जागरण संवाददाता, कानपुर : नहर के पानी के लिए किसानों को अब सिंचाई विभाग पर आश्रित रहने क
जागरण संवाददाता, कानपुर : नहर के पानी के लिए किसानों को अब सिंचाई विभाग पर आश्रित रहने की जरूरत नहीं है। किसान अब खुद तय करेंगे कि पानी का इंतजाम कैसे करना है। इसके लिए सिंचाई विभाग सात साल पुरानी सिंचाई मित्र योजना को अमली जामा पहनाने जा रहा है। बसपा शासन काल में किसानों को नहरों का संचालन करने की जिम्मेदारी देने का फैसला हुआ था पर सरकार बदलने से योजना को पंख नहीं लग सके। योगी सरकार ने योजना को हरी झंडी दे दी है।
ये होगा स्वरूप
नहरों से रजबहा, रजबहा से माइनर और माइनर से कोलाबा (छोटी नहर) निकाल कर किसानों को खेती के लिए पानी का इंतजाम सरकार करती है। अभी तक इनके संचालन की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग पर है। योजना के तहत हर अल्पिका को छह खंडों में बांटा जाएगा और हर खंड में एक किसान को सदस्य बनाया जाएगा। छह सदस्य चुनाव के माध्यम से एक अध्यक्ष व एक सचिव का चुनाव करेंगे। इसके बाद माइनर व रजबहा स्तर पर भी सदस्यों द्वारा अध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा।
ये है लोअर गंगा कैनाल का तंत्र
लोअर गंगा कैनाल कानपुर की परिधि में 27 रजबहा व 90 माइनर हैं। इनमें दो निष्प्रयोज्य हैं। इसी तरह 2608 अल्पिका हैं, जिसमें 100 निष्प्रयोज्य है। निष्प्रयोज्य का मतलब जो शहरों की परिधि में आकर समाप्त हो गई हैं।
ये होगी जिम्मेदारी
हर स्तर पर समितियां ही तय करेंगी कि कितना पानी छोड़ना होगा। इसके अलावा रखरखाव से लेकर सफाई की व्यवस्था ही समितियों के हाथ होगी। टेल तक पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी समितियों की होगी। अगर कोई विवाद होगा तो उसका निपटारा विभाग स्तर पर बनी अधिकारियों की टीम करेगी।
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योजना के तहत सिंचाई से जुड़ी सबसे छोटी इकाई अल्पिका तक समितियां बनाकर सिंचाई की जिम्मेदारी किसानों की दी जाएगी। सदस्यों के नाम कंप्यूटर पर दर्ज किए जा रहे हैं। दो महीने में चुनाव कराए जाएंगे।
रामराज, अधिशासी अभियंता लोअर गंगा कैनाल