नोटबंदी में बैंकों का खेल, बिना आइडी बदले सवा करोड़ के नोट
कानपुर में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की बिरहाना रोड पर मुख्य शाखा में कर्मचारियों ने सवा करोड़ रुपये से अधिक के एक हजार और पांच सौ रुपये के पुराने नोट बिना आइडी के बदल दिए।
कानपुर [बृजेश दुबे]। देश में आठ नवंबर के बाद पांच सौ तथा एक हजार रुपए के नोट बंद होने के बाद भले ही जनता परेशान रही, लेकिन बैंक कर्मी मालामाल होते रहे। नोट बंदी के दौरान बैंकों में खेल का खुलासा धीरे-धीरे होने लगा है। नोट बदलने के लिए आरबीआइ व भारत सरकार के नियमों को दरकिनार किया गया।
कानपुर में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की बिरहाना रोड पर मुख्य शाखा में कर्मचारियों ने सवा करोड़ रुपये से अधिक के एक हजार और पांच सौ रुपये के पुराने नोट बिना आइडी के बदल दिए। मामले का खुलासा बैंक के केंद्रीय सर्वर से हुआ। अब बैंक मुख्यालय से आई टीम बैंक कर्मियों की संलिप्तता जानने के लिए फुटेज और रिकार्ड खंगाल रही है।
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यूनियन बैंक आफ इंडिया की बिरहाना रोड शाखा ने करीब छह हजार लोगों के नोट बदले हैं। बैंक शाखा इसकी राशि नहीं खोल रहा है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि यहां करीब छह करोड़ रुपये बदले गए। 30 दिसंबर को नोट जमा करने की सीमा समाप्त होने के बाद आरबीआइ के निर्देश पर बैंकों ने शाखा वार डाटा खंगालना शुरू किया। इसी जांच में बिरहाना रोड की शाखा में काफी मात्रा में ऐसी रकम मिली, जिसे बदलने के मद में दिखाया गया लेकिन बदल कर जिसे दिया गया, उसकी आइडी नहीं लगाई गई। इस पर बैंक मुख्यालय ने जांच बैठा दी।
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यूनियन बैंक की केंद्रीय टीम ने कानपुर में तीन दिन रुककर बैंक शाखा की फुटेज, रिकार्ड, आइडी और नोटों का मिलान किया। टीम अपने साथ कई दस्तावेज ले गई है। सूत्रों का कहना है कि नोट बदलने के दौरान बड़ा हेरफेर सामने आ रहा है। अभी तक करीब सवा करोड़ रुपये की रकम ऐसी मिली है, जिसे बदलने के दौरान आइडी नहीं लगाई गई। फील्ड महाप्रबंधक कार्यालय ने भी इस संबंध में सारे दस्तावेज उठाए हैं। अब यह रकम किसी एक आदमी को दी गई या फिर कई लोगों को, यह बैंक मुख्यालय की जांच पूरी होने के बाद स्पष्ट होगा। माना जा रहा है, इस मामले में करीब एक दर्जन बैंक कर्मी फंस सकते हैं। जांच रिपोर्ट जल्द आने की उम्मीद है।
इस संबंध में शाखा प्रबंधक एजीएम उत्पल कर से बात की गई तो उन्होंने बोलने के लिए अधिकृत न होने की बात कहकर चुप्पी साध ली। वहीं क्षेत्रीय प्रबंधक रवि कुमार गुप्ता ने इसे अंदरूनी मामला बताते हुए कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।
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एसबीआइ कन्नौज में 20 लाख का हेरफेर, दो सस्पेंड
एसबीआइ कन्नौज में नोटबंदी के दौरान नियमों को दरकिनार करते हुए कैश अफसर और कैशियर ने 20 लाख रुपये के पुराने नोट (हजार और पांच सौ) बिना आइडी के बदल डाले। एक शिकायत पर की गई जांच में मामला सही पाए जाने पर एसबीआइ जोनल आफिस ने वहां के कैश अफसर और कैशियर को सस्पेंड कर दिया। यह रकम केवल एक व्यक्ति के लिए बदली गई और जिसकी रकम बदली गई वह सत्ताधारी पार्टी का नेता है। इसके अलावा एसबीआइ उरई में करीब 40 हजार रुपये के नोट बिना आइडी बदलने पर एक बैंक कर्मी को सस्पेंड कर दिया गया है।
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