बम की सूचना पर तीन घंटे सांसत में रही जान
जागरण संवाददाता, कानपुर : स्वतंत्रता दिवस पर शरारती तत्वों ने कंट्रोल रूम में फोन कर परेड के पा
जागरण संवाददाता, कानपुर : स्वतंत्रता दिवस पर शरारती तत्वों ने कंट्रोल रूम में फोन कर परेड के पास सोमदत्त प्लाजा में बम होने की सूचना दे दी। इस पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। डीआइजी, एसपी पूर्वी भारी पुलिस फोर्स व बम डिस्पोजल दस्ते के साथ मौके पर पहुंचे। तीन घंटे तक खोजबीन की गई, लेकिन सूचना अफवाह ही साबित हुई। मोबाइल नंबर के जरिये पुलिस ने लाटूश रोड के एक युवक को उठा लिया। जांच में पता चला कि उसका मोबाइल चार दिन पहले ही खो गया था।
मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे सोमदत्त प्लाजा के व्यापारी झंडारोहण की तैयारी कर रहे थे। तभी कोतवाली पुलिस पहुंच गई। दारोगा ने व्यापारियों से कहा कि किसी ने कंट्रोल रूम को फोन कर मार्केट में बम होने की सूचना दी है। लिहाजा तलाशी होनी है, इस पर सनसनी फैल गई। जिन व्यापारियों ने दुकानें खोल रखी थीं, वे तुरंत शटर गिराकर निकल गए। कुछ व्यापारी जल्दबाजी में दुकान बंद किए बिना ही चले गए।
इसी बीच एसपी पूर्वी अनुराग आर्य, सीओ एलआइयू भी बम डिस्पोजल दस्ते के साथ पहुंच गए। इसके बाद पूरी मार्केट को रस्सी लगाकर कवर कर लिया गया ताकि कोई व्यक्ति अंदर न जा सके। डीआइजी सोनिया सिंह ने भी आकर तलाशी शुरू की। करीब तीन घंटे तक चार बार बेसमेंट से लेकर ऊपरी मंजिल तक कोना-कोना खंगाला गया। मगर, बम जैसी कोई वस्तु नहीं मिली। एलआइयू के ओके रिपोर्ट देने के बाद टीम लौट गई। इसके बाद पुलिस ने सूचना देने वाले को ट्रेस करना शुरू किया। पुलिस ने मोबाइल नंबर की आइडी के जरिये लाटूश रोड निवासी रिजवान को पकड़ा। उसने बताया कि चार दिन पहले उसका फोन गिर गया था। पुलिस मान रही है कि किसी ने रिजवान को फंसाने के लिए गलत सूचना दे दी।
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बम की सूचना केवल अफवाह थी। सोमदत्त प्लाजा में चेकिंग की गई, लेकिन कुछ नहीं मिला। कंट्रोल रूम को जिस मोबाइल नंबर से फोन आया था, वह मोबाइल चार दिन पहले गुम हो गया था। फोन करने वाले की तलाश की जा रही है।
अनुराग आर्य, एसपी पूर्वी
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बंद था बाजार, वरना होती मुसीबत
स्वतंत्रता दिवस के चलते मंगलवार को सोमदत्त प्लाजा मार्केट भी बंद थी। लिहाजा पुलिस टीमों को चेकिंग में कोई दिक्कत नहीं आई। अगर आम दिनों में ऐसी सूचना आती तो मुसीबत हो सकती थी। व्यापारी नेता रोहित कोहली ने कहा कि बम की सूचना के चलते व्यापार संघ की ओर से झंडारोहण नहीं हो सका।