संसद में जल्द आएगा यूनीवर्सल वेज कोड बिल: बंडारू दत्तात्रेय
मोदी सरकार अब न्यूनतम वेतन नहीं उचित वेतन की दिशा में काम कर रही है। इसी दृष्टि से यूनीवर्सल वेज कोड बिल तैयार हो रहा है। संसद में इसे जल्द ही पेश किया जाएगा।
कानपुर (जेेएनएन)। कामगारों को उनके परिश्रम का उचित पारिश्रमिक देने के लिए संसद में यूनीवर्सल वेज कोड जल्द ही पेश होगा। पीएफ पेंशनर को ईएसआइ अस्पतालों में इलाज की सुविधा भी जल्द ही शुरू होगी। ये जानकारी केंद्रीय श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कानपुर के दीनदयाल उपाध्याय सनातन धर्म विद्यालय परिसर में भारतीय मजदूर संघ के 18वें तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन और पत्रकारों से वार्ता में दी।
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार अब न्यूनतम वेतन नहीं उचित वेतन की दिशा में काम कर रही है। इसी दृष्टि से यूनीवर्सल वेज कोड बिल तैयार हो रहा है। संसद में इसे जल्द ही पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बिल के पारित होने के बाद भी कोई भी राज्य निर्धारित किए गए वेतनमान से कम भुगतान नहीं कर सकेंगे। वह अधिक भुगतान के लिए स्वतंत्र होंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्यनिधि संगठन) से पेंशन पाने वालों को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) के अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिलने लगेगी। इस पर सैद्धांतिक सहमति हो गई है और नियमावली बनाने पर काम हो रहा है।
ईएसआइसी में वन आइपी टू डिस्पेंसरी की अवधारणा बताते हुए उन्होंने कहा कि अब कामगार अपने कार्यस्थल और उसका परिवार जहां रहता है, वहां की डिस्पेंसरी और अस्पताल में चिकित्सा सुविधा ले सकेगा। पिछले दिनों अभियान चलाकर संविदा कर्मी और अन्य छूटे हुए श्रमिकों को ईएसआइसी और ईपीएफओ जैसी सामाजिक सुरक्षा से जोडऩे का काम किया गया। ईएसआइसी की सुविधा से वंचित देश के 283 जिलों को साल भर में जोड़ा जाएगा। सांसद हेमामालिनी और साक्षी महाराज के कहने पर मथुरा और उन्नाव में 30 बेड के अस्पताल स्वीकृत हुए हैं। देश की 1500 डिस्पेंसरी को उच्चीकृत कर छह बेड का बनाने का लक्ष्य है जिनमें से पहले चरण में 500 को लिया गया है। इनमें से प्रदेश की 25 डिस्पेंसरी हैं।
उन्होंने मोदी सरकार द्वारा तीन साल में किए गए कामों का ब्योरा देते हुए कहा कि सरकार वादा नहीं करती बल्कि काम करके दिखाने में विश्वास रखती है। उन्होंने भामस कार्यकर्ताओं से कहा कि वह राष्ट्रहित में काम करें और उनके हितों का संरक्षण सरकार करेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में 93 फीसद कामगार असंगठित क्षेत्र से हैं, उन्हें भी सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए काम हो रहा है। इस दिशा में पहले चरण में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिड डे मील, मनरेगा आदि से जुड़े लोगों को लिया गया है।