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कानपुर कलेक्ट्रेट परिसर में आग का गोला बनकर दौड़ा युवक

कानपुर में एक युवक आग का गोला बनकर इधर उधर दौड़ता नजर आया तो उसे देख पुलिस कर्मियों के हाथ-पांव फूल गए। यह त्रिलोकीपुर का राहुल अवस्थी है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 25 Feb 2017 10:47 PM (IST)Updated: Sat, 25 Feb 2017 11:06 PM (IST)
कानपुर कलेक्ट्रेट परिसर में आग का गोला बनकर दौड़ा युवक
कानपुर कलेक्ट्रेट परिसर में आग का गोला बनकर दौड़ा युवक

कानपुर (जेएनएन)। आज कानपुर कलेक्ट्रेट परिसर में एक युवक आग का गोला बनकर इधर उधर दौड़ता नजर आया तो उसे  देख वहां मौजूद पुलिस कर्मियों के हाथ-पांव फूल गए। यह युवक भीतरगांव ब्लाक के त्रिलोकीपुर का राहुल अवस्थी बताया गया है। उसने फरियादों का निस्तारण न होने से क्षुब्ध होकर खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली। पुलिस कर्मियों ने किसी तरह आग बुझाई और उर्सला अस्पताल ले गए। जहां उसने खुद को आरटीआइ कार्यकर्ता बता सपा नेता एवं भीतरगांव की ब्लाक प्रमुख और उनके पति पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उसने बताया कि शिकायतों का निस्तारण नहीं होने से क्षुब्ध होकर उसने यह कदम उठाया।

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मजदूरों को जॉब कार्ड नहीं देते

राहुल का आरोप है कि गांव के प्रधान अशोक सचान और उनकी ब्लाक प्रमुख पत्नी रानी सचान व उनके छोटे भाई डा. अरविंद सचान की मिलीभगत से गांव में मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार हो रहा है। ग्राम प्रधान और उनकी पत्नी मजदूरों को जॉब कार्ड नहीं देते। जॉब कार्ड में मजदूरों के नाम मनमाने ढंग से भर देते हैं। काम के बदले मजदूरों को पूरा पैसा भी नहीं मिलता। राहुल के मुताबिक योजनाओं का लाभ उनके करीबियों को ही मिलता है। इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ मंडलायुक्त व जिलाधिकारी कार्यालय में की थी। अभी तक न तो जांच हुई और न ही कार्रवाई। राहुल आज शिकायत करने कलेक्ट्रेट आया था पर डीएम के न होने की वजह से वह लौट गया। शाम करीब चार बजे मिट्टी का तेल डालकर उसने आग लगा ली। राहुल का आरोप है कि उसने जो भी शिकायतें की हैं उसकी अपनी नहीं बल्कि गांव के लोगों की पीड़ा है। सुनवाई न होने पर उसने यह कदम उठाया। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने उसके आरोपों की जांच कराने का आदेश दिया है। वहीं, राहुल के विरुद्ध आत्मदाह की कोशिश करने के आरोप में कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। कुछ अज्ञात अधिवक्ताओं पर भी उसे आत्मदाह के लिए प्रेरित करने के आरोप में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। 

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मनरेगा से सिर्फ डेढ़ हजार का काम

ग्राम प्रधान अशोक सचान का कहना है कि मनरेगा योजना से सिर्फ डेढ़ हजार रुपये का काम हुआ है। अभी तक मनरेगा योजना से आइडी तक ग्राम पंचायत की नहीं बनी है। ऐसे में भ्रष्टाचार का सवाल ही पैदा नहीं होता। राहुल के भाई ग्राम प्रधान का चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे। इसी वजह से आए दिन गलत आरोप राहुल की ओर से लगाए जाते हैं।  

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