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कानपुर में सेना भर्ती की दौड़ में युवाओं के पसीने छूटे, 8100 में से केवल 900 पास

सेना भर्ती कर रहे चिकित्सकों के अनुसार पान-मसाले के इस्तेमाल व अनियमित खान-पान व दिनचर्या की वजह से युवाओं के अंदर दम नहीं दिखाई पड़ रहा।

By amal chowdhuryEdited By: Published: Tue, 18 Apr 2017 10:11 AM (IST)Updated: Tue, 18 Apr 2017 10:11 AM (IST)
कानपुर में सेना भर्ती की दौड़ में युवाओं के पसीने छूटे, 8100 में से केवल 900 पास
कानपुर में सेना भर्ती की दौड़ में युवाओं के पसीने छूटे, 8100 में से केवल 900 पास

कानपुर (जागरण संवाददाता)। कानपुर में आयो​जित सेना भर्ती की दौड़ में युवाओं का प्रदर्शन बहुत खराब रहा। दौड़ में 8100 युवा अब तक हिस्सा ले चुके हैं, मगर पास सिर्फ 900 ही हुए। जो पास भी हुए उनमें आधे से अधिक मेडिकल टेस्ट में संदेह के घेरे में हैं।

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सेना भर्ती कर रहे चिकित्सकों के अनुसार पान-मसाले के इस्तेमाल व अनियमित खान-पान व दिनचर्या की वजह से युवाओं के अंदर दम नहीं दिखाई पड़ रहा, तभी वह मात्र 1600 मीटर की दौड़ भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं। दौड़ में शहरी युवा तो पीछे थे ही लेकिन अब गांव के युवाओं की जवानी भी रैली में हांफती दिखाई पड़ रही है। अभी तक बांदा, चित्रकूट और फतेहपुर जिले की दौड़ पूरी हो चुकी है, इनमें बांदा व चित्रकूट का मेडिकल परीक्षण भी तय हो चुका है। बांदा व चित्रकूट में तीन हजार अभ्यर्थी दौड़ में हिस्सा लिए मगर पास सिर्फ 300 ही हुए।

इन्हें जब मेडिकल परीक्षण के लिए उतारा गया तो शरीर के हर अंग की जांच गहनता से की गई। आर्मी डाक्टर्स की कसौटी पर 160 युवा तो खरे उतरे लेकिन 140 अभ्यर्थियों पर संदेह उत्पन्न हो गया। उन्होंने मिलिट्री हास्पिटल में चिकित्सकीय परीक्षण कराने की हिदायत दी गई है। यदि वहां परीक्षण में उनके शरीर में कोई बीमारी निकलती है तो उन्हें ठीक होने के लिए सेना 14 दिनों का ही मौका देगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह प्रतियोगिता से बाहर हो जाएंगे।

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सेना भर्ती निदेशक कर्नल दीपक शर्मा ने बताया कि मेडिकल टेस्ट में ज्यादातर अभ्यर्थियों की आंखों में बड़ी समस्या खड़ी हुई है। जो अभ्यर्थी मेडिकल टेस्ट में संदेह के घेरे में है, उन्हें मिलिट्री हास्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया है। उन्हें खुद को साबित करने के लिए पूरा मौका दिया जाएगा।

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