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सरकारी अस्पतालों में 'वसूली वायरस' लाइलाज

By Edited By: Published: Thu, 06 Dec 2012 01:43 AM (IST)Updated: Thu, 06 Dec 2012 01:44 AM (IST)
सरकारी अस्पतालों में 'वसूली वायरस' लाइलाज

कानपुर, सिटी संवाददाता : सरकारी अस्पतालों में 'वसूली वायरस' लाइलाज होता जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री हों या सीडीओ सभी के आदेश इन डॉक्टरों के आगे बेअसर हैं। बुधवार को भी उर्सला में डॉक्टरों ने दो महिलाओं से तीन हजार व पांच हजार की वसूली की।

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तिलक नगर, लक्ष्मणबाग निवासी 43 वर्षीय प्रभादेवी ने बताया कि उनका गर्भाशय का ऑपरेशन होना था। बुधवार को डॉ. कटियार की देखरेख में उन्हें भर्ती कराया गया। जहां ऑपरेशन से पूर्व उनसे पांच हजार रुपये जमा कराए गए। इसकी कोई रसीद उन्हें नहीं दी गई। वहीं अस्पताल के फीमेल वार्ड आठ के बेड नंबर 26 पर भर्ती विश्वबैंक निवासी श्रीदेवी ने बताया कि पथरी की शिकायत पर मंगलवार रात उनका ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के दौरान उनके बेटे से तीन हजार रुपये जमा कराए गए।

उधर डफरिन अस्पताल में मेडिकल वार्ड के बेड नंबर नौ पर भर्ती ऐलनगंज निवासी दिलीप की पत्नी कंचन ने बताया कि प्रसव के लिए यहां भर्ती हुईं थीं। चार दिन पूर्व ऑपरेशन से बच्ची हुई। डॉक्टरों ने ऑपरेशन से पूर्व 11 सौ रुपये जमा कराए थे। बेड नंबर छह पर भर्ती नौबस्ता निवासी नीरज की पत्नी निर्मला से भी 11 सौ रुपये लिए गए। इसी वार्ड के बेड नंबर आठ में भर्ती सजारी कालोनी निवासी सुनीता का कहना है कि अस्पताल में इंजेक्शन लगाने के लिए सीरिंज नहीं हैं। सीरिंज, पंट्टी, टेप व दवाइयां बाहर से लानी पड़ रहीं हैं। वहीं छोटे मियां का हाता निवासी बेड नंबर सात पर भर्ती नसीम ने बताया कि टेप के अभाव में पंट्टी भी नहीं हो सकी है। टेप लाने के बाद बहन से ड्रेसिंग कराई।

बसंती की हो गई छुंट्टी!

उर्सला में भर्ती उत्तरीपुरा निवासी बाबूलाल की पत्नी बसंती से डॉक्टर ने छह हजार की वसूली की थी। मुख्य विकास अधिकारी विवेक से बसंती ने ऑपरेशन के नाम पर वसूली की शिकायत की थी। लेकिन डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के बजाय बुधवार सुबह बसंती की अस्पताल से छुंट्टी कर दी गई।

प्रमुख अधीक्षिका ने मांगा स्पष्टीकरण

डफरिन में रुपये न देने पर प्रसूता रानी को ऑपरेशन थिएटर से दो बार निकालने के मामले में अस्पताल की प्रमुख अधीक्षिका डॉ. मधु लाल ने ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों और कर्मचारियों से स्पष्टीकरण तलब किया है।

अस्पतालों में कराएं वाल राइटिंग

सीएमओ डॉ. आरपी यादव ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन के औचक निरीक्षण में एनआरएचएम निदेशक भी साथ में थे। वसूली की शिकायत पर उन्होंने अस्पतालों में शिकायत पेटिका लगवाने के साथ तीमारदारों को जागरूक करने के लिए वाल राइटिंग कराने को कहा था। बुधवार को उर्सला, डफरिन, मान्यवर कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय व केपीएम के प्रभारियों को अस्पतालों में इसकी व्यवस्था कराने के निर्देश दिए हैं।

'वार्डो में राउंड लेने के दौरान मरीजों से पूछताछ की गई, लेकिन किसी ने वसूली की शिकायत नहीं की है। शिकायत मिलने पर दोषी के खिलाफ जांच करा कार्रवाई की जाएगी। बसंती की अस्पताल से छुंट्टी के बारे में संबधित डॉक्टर से स्पष्टीकरण तलब किया जाएगा।'

डॉ. राकेश सक्सेना, कार्यवाहक निदेशक, उर्सला

'अस्पताल में सभी दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। इसके बाद भी लोगों को दवा नहीं मिल रही तो कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है। इसके कारणों की जांच कराई जा रही है।'

डॉ. मधु लाल, प्रमुख अधीक्षिका, डफरिन

'मरीजों से अस्पताल में हो रही वसूली रोकने के लिए हर संभव प्रयास हो रहे हैं। बुधवार को मरीजों से हुई वसूली की जानकारी अस्पताल के निदेशक को दी गई है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।'

डॉ. आरपी सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी

'स्वास्थ्य मंत्री के औचक निरीक्षण के बाद सीडीओ को निरीक्षण के लिए भेजा गया था। लखनऊ में बैठक होने के कारण अभी रिपोर्ट नहीं देखी है। रिपोर्ट देखने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।'

एमपी अग्रवाल, जिलाधिकारी

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