63 फीसद कालेजों में बायोमीट्रिक मशीन व सीसीटीवी कैमरे नहीं
जागरण संवाददाता, कानपुर : शिक्षक शिक्षिकाओं की नियमित उपस्थिति और शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने की
जागरण संवाददाता, कानपुर : शिक्षक शिक्षिकाओं की नियमित उपस्थिति और शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने की कवायद में यूपी बोर्ड पिछड़ रहा है। दरअसल बोर्ड से मान्यता प्राप्त 63 फीसद कालेजों में अब तक सीसीटीवी कैमरे व बायोमीट्रिक मशीनें नहीं लगे हैं। इनमें स्ववित्तपोषी कालेजों पर बोर्ड का कोई जोर नहीं चल पा रहा है।
शासन के आदेश पर स्थानीय शिक्षा व प्रशासन के अधिकारियों ने स्ववित्तपोषी, शासकीय व सहायता प्राप्त अशासकीय कालेजों को नया सत्र शुरू होने से पहले सीसीटीवी कैमरे व बायोमीट्रिक मशीनें लगवाने के निर्देश जारी किए थे परंतु बीती 8 अगस्त को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय द्वारा मंडल को भेजी रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक 63.27 फीसद कालेजों में यह व्यवस्था नहीं हो पाई है। इनमें स्ववित्तपोषी कालेजों की संख्या अधिक है। जिला विद्यालय निरीक्षक सतीश तिवारी कहते हैं कि रिपोर्ट तैयार कराई गई है। अब शासन के निर्देशानुसार कालेजों में उक्त व्यवस्थाएं कराई जाएंगी।
(इनसेट) बिजली नहीं तो कैसे लगें मशीन व कैमरे
हालात ये हैं कि 6 राजकीय कालेजों में बिजली ही नहीं हैं तो वहां बायोमीट्रिक मशीनें व सीसीटीवी कैमरे कैसे लगें? अब पहले वहां बिजली की व्यवस्था हो तो फिर निगरानी की व्यवस्था दुरुस्त हो।
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विद्यालयों पर एक नजर
कुल कालेजों की संख्या : 701
वर्तमान में संचालित : 674
बायोमीट्रिक मशीन व कैमरे लगे
शासकीय कालेज : 13
अनुदानित कालेज : 108
स्ववित्तपोषी कालेज : 104
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कुल संख्या : 225
कैमरे व मशीन न लगाने वाले कालेज : 449
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विरोध तेज, पाला खिंचा
शिक्षक संघ बायोमीट्रिक मशीन व सीसीटीवी कैमरे लगाने का विरोध कर रहे हैं। इसके लिए वे धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं। प्रधानाचार्यो को बायोमीट्रिक हाजिरी से छूट देने से शिक्षकों व प्रधानाचार्यो में भी अघोषित पाला खिंच गया है।
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स्ववित्तपोषी कालेजों को अभयदान
पौधरोपण, शैक्षिक गुंणवत्ता आदि के मामले में भी स्ववित्तपोषी कालेजों पर विभाग का जोर नहीं है। नये सत्र में विभागीय निरीक्षण में जहां 5 राजकीय व 33 अनुदानित कालेजों का निरीक्षण हुआ वहीं सिर्फ एक स्ववित्तपोषी कालेज का निरीक्षण हो सका। इन कालेजों में छात्रों की उपस्थिति, साज सज्जा, राजकीय पुस्तकों के अध्यापन की क्या स्थिति हैं, बोर्ड को जानकारी नहीं रहती है। 540 स्ववित्तपोषी कालेजों में से सिर्फ 104 ने बायोमीट्रिक मशीन व सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं।