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30 फीसद ही सही, हम फिर बाजार में नजर तो आए

जागरण संवाददाता, कानपुर : दीपावली के इलेक्ट्रिक बाजार में हम चाहे जितनी बात कहें लेकिन चीन अब भ

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Oct 2017 01:21 AM (IST)Updated: Wed, 11 Oct 2017 01:21 AM (IST)
30 फीसद ही सही, हम फिर बाजार में नजर तो आए
30 फीसद ही सही, हम फिर बाजार में नजर तो आए

जागरण संवाददाता, कानपुर : दीपावली के इलेक्ट्रिक बाजार में हम चाहे जितनी बात कहें लेकिन चीन अब भी 70 फीसद बाजार पर पूरी तरह हावी है लेकिन एक सकारात्मक पहलू यह भी है कि पिछले एक वर्ष से ज्यादा समय से चीन के उत्पादों का जिस तरह विरोध हो रहा है, उससे लगभग 30 फीसद हिस्से में भारतीय उत्पादों की भागीदारी फिर नजर आ रही है। हालांकि भारत में विरोध को देखते हुए चीन ने अपना बाजार बनाए रखने के लिए लगभग उत्पादों के रेट 20 फीसद तक गिरा दिए हैं।

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पिछले वर्ष दीपावली के पहले देशभर में चीनी उत्पादों का जमकर विरोध किया गया था। हालांकि यह विरोध तब शुरू हुआ था जब चीन की बिजली की झालरें और अन्य उत्पाद फुटकर दुकानों तक पहुंच चुका था। इसलिए विरोध का बहुत अधिक असर नहीं पड़ा था। इस वर्ष भी अलग-अलग समय पर चीन के उत्पादों का विरोध किया गया। रक्षाबंधन से पहले विरोध हुआ तो चीन से आने वाली राखियों की संख्या न के बराबर हो गई, लेकिन चीन का असली निशाना दीपावली के बाजार पर था और उसने इसके लिए भरपूर माल भेजा।

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देसी में भी विदेशी माल

बाजार में जो माल भारतीय बताया जा रहा, उसमें भी चीन का सामान लगा है। किसी में बल्ब चीन के हैं तो किसी में मोटर चीन की।

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बल्ब की कमी सबसे बड़ी समस्या

झालरों में लगने वाले बल्ब की कमी सबसे बड़ी समस्या है। मिनियेचर कहे जाने वाले बल्ब देश में बहुत ही कम बनते हैं। इसलिए चीन इस बाजार पर हावी है।

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कीमत का अंतर भारी

चीन की 10 मीटर की बिजली की झालर 20 रुपये की है वहीं इतनी बड़ी देसी झालर 70 रुपये की है। यह बड़ा अंतर भी खरीद पर असर डालता है।

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सरकार लगाए प्रतिबंध तो बने बात

कानपुर इलेक्ट्रिक कांट्रेक्टर एंड मर्चेट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष गोपाल तिवारी के मुताबिक विरोध की बातें तो बहुत की जाती हैं और नारे भी लगाए जाते हैं लेकिन जब तक चीन से आ रहे माल पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा, कोई क्यों अपना व्यापार रोकेगा।

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तकनीक आयात करें माल नहीं

उत्पादों की कीमतों में अंतर की वजह से चीन हावी है। मनीराम बगिया के शिव प्रसाद गुप्ता का कहना है कि तकनीक चीन से मंगवा कर यहां उससे उत्पाद तैयार किया जाए तो उससे रोजगार भी मिलेगा और आयात भी नहीं करना पड़ेगा।

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भारत में बनी चीजों की ज्यादा मांग

थोक कारोबारी अरुण टंडन के मुताबिक शुभ दीपावली, स्वास्तिक, शुभ-लाभ जैसे इलेक्ट्रिक बोर्ड की जबरदस्त मांग है। बल्ब चाहे चीन के हों लेकिन ये बने भारत में हैं।

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एक नजर में बिजली बाजार

- 300 करोड़ रुपये का माल दीपावली पर बिकता है।

- 980 रुपये लक्ष्मी-गणेश की बिजली का बल्ब लगी मूर्तियां।

- 870 रुपये में रिवाल्विंग नारियल और दीप।

- 490 रुपये में रिवाल्विंग कलश।

- 600 रुपये में शुभ दीपावली लिखा इलेक्ट्रिक बोर्ड।


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