उद्यमी खुद तय कर सकेगे औद्योगिक क्षेत्र की श्रेणी
अभी तक किसी भी औद्योगिक क्षेत्र की श्रेणी प्रबंधन ही तय करता रहा है और उसके हिसाब से मरम्मत शुल्क लगता है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : उलार प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी) उद्यमियो को बड़ा अधिकार देने जा रहा है। अभी तक किसी भी औद्योगिक क्षेत्र की श्रेणी प्रबंधन ही तय करता रहा है और उसके हिसाब से मरम्मत शुल्क लगता है। अब यह अधिकार उद्यमियो को देने की तैयारी है। यूपीएसआइडीसी बोर्ड की इसी माह होने वाली बैठक मे यह अधिकार दिया जा सकता है।
निगम के औद्योगिक क्षेत्र अभी तीव्र गति, अति तीव्र गति और मध्यम गति के नाम से जाने जाते है। भूखंडो का आवंटन, वहां लगी इकाई के आधार पर अब तक श्रेणी तय होती रही है, लेकिन अब ए, बी और सी श्रेणी होगी। तीनो श्रेणियो मे मरम्मत शुल्क भी अलग- अलग होगा। उद्यमियो के पास यह अधिकार होगा कि वे श्रेणी तय कर सके। वे जो श्रेणी तय करेगे, उस श्रेणी का मरम्मत शुल्क लिया जाएगा। इसके लिए उद्यमियो की एसपीवी (स्पेशल परपज व्हीकल) गठित की जाएगी। जो धनराशि मरम्मत शुल्क के रूप मे आएगी, उससे ही औद्योगिक क्षेत्र मे विकास होगा। भविष्य मे कभी अगर उद्यमियो को लगेगा कि औद्योगिक क्षेत्र की श्रेणी बदली जानी चाहिए तो वे उसे बैठक कर बदलने का प्रस्ताव प्रबंधन को दे सकेगे। यूपीएसआइडीसी के एक अफसर ने बताया कि जो एसपीवी गठित होगी उसमे निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक व अधिशासी अभियंता भी होगे। उद्यमियो को यह अधिकार मिलने से औद्योगिक क्षेत्रो मे गुणवलाा और पारदर्शी तरीके से कार्य होगा। वैसे तो यह प्रस्ताव बहुत पहले ही बोर्ड बैठक मे आना था, लेकिन निकाय चुनाव की अधिसूचना के कारण इसे नही लाया जा सका।