जो हुकुम महामहिम!
जागरण संवाददाता, कानपुर : रामनाथ कोविंद चाहते थे कि शहर का प्रवेश द्वार चकाचक हो, लेकिन अफसर क्यों स
जागरण संवाददाता, कानपुर : रामनाथ कोविंद चाहते थे कि शहर का प्रवेश द्वार चकाचक हो, लेकिन अफसर क्यों सुनते। हां, देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंशा है तो अफसरों के सिर-माथे। व्यक्ति वही, चाहत वही, काम वही। सिर्फ प्रोफाइल बदला और केडीए के अधिकारियों ने गुरुवार को 'जो हुकुम महामहिम!' के अंदाज में जाजमऊ की दौड़ लगा दी।
कानपुर निवासी रामनाथ कोविंद जब बिहार के राज्यपाल रहते कानपुर आए तो एक समारोह में शहर के प्रति अपनी इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि शहर के प्रवेश द्वार जाजमऊ क्षेत्र का सुंदरीकरण होना चाहिए। तबसे अब तक प्रशासन से लेकर केडीए तक के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। मगर, गुरुवार को जैसे ही रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति निर्वाचित हुए, वैसे ही उनकी चाहत असर दिखाने लगी। केडीए उपाध्यक्ष के.विजयेंद्र पांडियन टीम के साथ जाजमऊ पहुंचे। लखनऊ-कानपुर मार्ग पर नगर के प्रवेश द्वार व संबंधित क्षेत्र का विकसित किए जाने पर विचार-विमर्श किया। गंगा पुल जाजमऊ से एक किलोमीटर की लंबाई में कानपुर व लखनऊ दोनों तरफ सर्वे कराकर सुंदरीकरण का प्रस्ताव यथाशीघ्र प्रस्तुत किए जाने के लिए अधिशासी अभियंता जोन एक व मुख्य नगर नियोजक को निर्देश दिए। गंगा पुल से चुंगी चौराहा तक एलीवेटेड हाईवे के नीचे उपलब्ध स्थान का भी सुंदरीकरण कराने के लिए कहा। शैडो लविंग प्लांट्स लगाए जाने के प्रस्ताव का परीक्षण होगा। वहीं, गंगापुल पर स्थित राजा ययाति किले के ऐतिहासिक खंडहर अवशेष का संरक्षण करने का खाका खींचा जा रहा है। इसके लिए एएसआइ व एनएचएआइ के अधिकारियों के साथ बैठक समन्वय बैठक जल्द होगी। स्थल पर उपस्थित तहसीलदार आत्मा स्वरूप श्रीवास्तव को सड़क के दोनों ओर उपलब्ध ग्राम समाज की भी भूमि का भी परीक्षण किए जाने व उक्त भूमि को भी सुंदरीकरण के प्रस्ताव में शामिल किए जाने के आदेश दिए। गंगा पुल से उन्नाव की ओर लगभग एक किलोमीटर लंबाई में लगभग चार से पांच मीटर चौड़ाई में ग्रीन वर्ज तैयार होगा। इसके अलावा जाजमऊ क्षेत्र में प्राधिकरण के स्वामित्व की अनियोजित भूमि नियोजित किया जाएगा।