Next President: एक गलती ने चार छह महीने तक बनाए रखा रामनाथ गोविंद
1967 में एक छात्र का नाम उपस्थिति पंजिका में लिखे जाते समय गलत हो गया।इस गलती ने रामनाथ कोविंद चार छह महीने रामनाथ गोविंद बनाए रखा।
कानपुर (जेएनएन)। बात 1967 की है। दूसरे छात्रों की तरह एक छात्र का नाम उपस्थिति पंजिका में लिखा जा रहा था। नाम था रामनाथ कोविंद पर गलती से लिख गया रामनाथ गोविंद। चार-छह दिन तो यूं ही चलता रहा, मगर जैसे ही निगाह पड़ी तो गलती का अहसास हुआ। बस वह दिन और आज का दिन एक जैसा है। भले ही 30 वर्ष से ज्यादा का समय बीत गया, उस छात्र का नाम मेरे जेहन में है। खुश हूं कि वह देश के सर्वोच्च पद (राष्ट्रपति) पर आसीन होने जा रहे हैं।
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अपनी यादों के झरोखे से निकालकर दयानंद कॉलेज ऑफ लॉ के रिटायर्ड प्रोफेसर व वरिष्ठ अधिवक्ता सुमन निगम ने ये बातें कहीं। सिविल लाइंस निवासी सुमन निगम बोले कि वैसे सैकड़ों छात्रों को पढ़ाया है लेकिन, रामनाथ कोविंद के लिए इतना ही कहूंगा कि वह हमेशा नियमित छात्र रहे।
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खुद अपने नोट्स तैयार करते
कोविंद हमेशा अपनी पढ़ाई के प्रति संजीदा रहे। वह हमेशा अपने नोट्स क्लास में खुद बनाते थे। निगम ने कहा कि 15-20 दिन में जब भी लाइब्रेरी जाता, वहां पर कोविंद पढ़ते हुए मिल जाते थे। दयानंद कॉलेज ऑफ लॉ से मिले रिकॉर्ड के मुताबिक रामनाथ कोविंद ने दो वर्ष में लॉ की पढ़ाई पूरी की। इस दौरान उन्होंने आइपीसी व सीआरपीसी की पूरी जानकारी अपने शिक्षकों से ली।
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