कपड़ा बाजार में माल वापसी की होड़
जागरण संवाददाता, कानपुर : कपड़ा बाजार में इस समय माल की आवक नहीं वापसी की होड़ है। ज्यादातर कारोबार उध
जागरण संवाददाता, कानपुर : कपड़ा बाजार में इस समय माल की आवक नहीं वापसी की होड़ है। ज्यादातर कारोबार उधार पर होने से वापसी लेना भी मजबूरी है। फुटकर दुकानदार थोक को तो थोक दुकानदार कंपनियों को माल लौटा रहे हैं। जीएसटी में स्टाक को लेकर चल रहे भ्रम की वजह से कारोबारी 30 जून को कम से कम स्टाक दुकान में रखना चाहते हैं।
कपड़े की ज्यादातर दुकानों में इस समय अजीब सा दृश्य है। कोई ग्राहक न होने पर भी दुकान में माल फैला रहता है, कर्मचारी उन्हें निकाल कर दोबारा रख रहे हैं। ये बिक्री नहीं स्टाक की जानकारी की कवायद है। कपड़े का ज्यादातर कारोबार शुरुआती स्तर से ग्राहक तक उधार पर होता है। इसलिए माल वापसी भी होती है। सामान्य तौर पर यह माल वापसी 10 फीसद होती है लेकिन लिखापढ़ी में कोई सीमा नहीं होती। इसका फायदा इस समय उठाया जा रहा है। फुटकर दुकानदार थोक दुकानदारों को भारी मात्रा में माल लौटा रहे हैं। उनके स्तर से यह वापसी 25 फीसद से ऊपर हो गई है। फुटकर दुकानदारों के आए माल को ठीक कर थोक दुकानदार दिल्ली, कोलकाता, सूरत में कंपनियों को लौटा रहे हैं।
जुलाई वाले माल की भी वापसी
माल अपने पास न रखने को लेकर कारोबारी किस कदर परेशान हैं, उसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि कुछ सप्ताह पहले लिए गए जिस माल की वापसी जुलाई में होनी है, उसे भी वापस कर दिया गया है।
खराब हो सकते संबंध
वापसी तो हर बार होती है पर जिस स्तर पर वापसी की जा रही है वह कारोबारी रिश्ते खराब कर सकती है और अगली बार उन्हें माल देने से भी इन्कार हो सकता है।
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कपड़ा कारोबारी भयभीत हैं कि स्टाक को लेकर उन्हें क्या करना होगा क्योंकि उन पर अभी तक टैक्स नहीं है। इसलिए माल वापसी बहुत अधिक हो रही है।
- सुरेंद्र अवस्थी, अध्यक्ष घुमनी बाजार कपड़ा कमेटी।
सबसे बड़ी समस्या उधार माल होने की वजह से है। अगर पैसा लेना है तो माल भी वापस लेना होगा। व्यापारी किसी भी तरह की कम से कम लिखा पढ़ी में फंसना चाहता है।
- शेष नारायण त्रिवेदी, अध्यक्ष नौघड़ा कपड़ा कमेटी।