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यूपीएसआइडीसी में भी जनहित गारंटी अधिनियम

दिग्विजय सिंह, कानपुर उप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी) की सभी सुविधाएं अब जनहित गारं

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Jun 2017 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 25 Jun 2017 01:01 AM (IST)
यूपीएसआइडीसी में भी जनहित गारंटी अधिनियम
यूपीएसआइडीसी में भी जनहित गारंटी अधिनियम

दिग्विजय सिंह, कानपुर

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उप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी) की सभी सुविधाएं अब जनहित गारंटी अधिनियम के दायरे में आएंगी। चाहे वह मानचित्र स्वीकृति हो या फिर भूखंड आवंटन, परियोजना परिवर्तन व अन्य सुविधाएं। इस अधिनियम के दायरे में आने के बाद हर हाल में समय से आवेदन का निस्तारण करना ही होगा। औद्योगिक विकास विभाग की ओर से सुविधाओं को दायरे में लाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा गया है। साथ ही उन राज्यों के मॉडल को भी अपनाने की सलाह दी गई है जहां कम से कम समय में सुविधाएं दी जाती हैं।

यूपीएसआइडीसी में भूखंड के उप विभाजन, परियोजना परिवर्तन, भू उपयोग परिवर्तन, भूखंड के ट्रांसफर के आवेदन को स्वीकृत करने की समय सीमा पूर्व में प्रस्तावित तो हुई, लेकिन उस पर अमल नहीं हो सका। मई माह में आयोजित बोर्ड बैठक में सिटीजन चार्टर लागू करने का प्रस्ताव पास हुआ और उसे अमल में लाने की तैयारी चल रही है। अब शासन स्तर से इन सभी सुविधाओं का लाभ देने के लिए समय सीमा निर्धारित करने और फिर उसे जनहित गारंटी अधिनियम के दायरे में लाने के लिए कहा गया है। चूंकि सुविधाएं अगले माह ऑनलाइन हो जाएंगी, ऐसे में प्रबंधन को यह बताना होगा कि आवेदन के कितने दिन के अंदर आवंटन होगा, कितने दिन में परियोजना परिवर्तन, अनापत्ति प्रमाण, भूखंड के उप विभाजन का कार्य होगा। मानचित्र पास करने की समय सीमा 15 दिन निर्धारित है, ऐसे ही इन सुविधाओं की समय सीमा होगी तो आवंटी अनावश्यक भागदौड़ से बचेंगे।

यह लाभ होगा

जनहित गारंटी अधिनियम के दायरे में आने के बाद निर्धारित अवधि में कार्य न होने पर संबंधित अफसर के विरुद्ध जुर्माने का प्रावधान है। विभाग में प्रथम व द्वितीय अपीलीय अधिकारी होंगे जो दोषी अफसर के विरुद्ध 250 रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक जुर्माना लगा सकेंगे।

अन्य राज्यों की कार्यप्रणाली का किया जाएगा अध्ययन

राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक आदि राज्यों में औद्योगिक विकास निगम द्वारा विभिन्न सुविधाओं के लिए निर्धारित दिन का अध्ययन किया जाएगा। जहां सबसे कम दिन में सुविधा मिलती होगी उसके मॉडल को लागू किया जाएगा। प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास के कार्यालय द्वारा कुछ राज्यों के मॉडल प्रबंधन को भेजे गए हैं।

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उद्यमियों के हित में जो भी जरूरी कदम हैं उन्हें उठाने का प्रयास किया जा रहा है। उद्यमियों को समयबद्ध ढंग से सुविधाएं मिलें इसलिए यह पहल की जा रही है।

- रणवीर प्रसाद, एमडी यूपीएसआइडीसी


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