रामनाथ कोविंद की पत्नी सविता के दिमाग में दिल्ली और दिल में है कानपुर
राष्ट्रपति पद के लिए जब कोविंद ने नामांकन किया तो सहज ही समझा जा सकता है सविता की खुशियों का पारावार क्या रहा होगा। उनका कहना था कि मैं चाहूंगी कि जल्द से उनके साथ कानपुर जरूर आऊं।
कानपुर [जितेंद्र शर्मा]। कानपुर देहात जिले के डेरापुर गांव से चले रामनाथ कोविंद आज रायसीना हिल्स की देहरी पर खड़े हैं। तमाम बदलती राहों और पड़ावों पर न जाने कितने साथी छूटे होंगे, कई साथ भी होंगे। मगर, जिंदगी की हर धूप-छांव, उतार-चढ़ाव में साथ रहीं उनकी पत्नी सविता कोविंद।
राष्ट्रपति पद के लिए जब कोविंद ने नामांकन किया तो सहज ही समझा जा सकता है कि सविता की खुशियों का पारावार क्या रहा होगा। मगर, रामानथ कोविंद को धैर्य, संयम और संतोष की मूर्ति बताने वाली उनकी अद्र्धांगिनी इस गुण में उनकी पक्की साझेदार महसूस हुईं। जाहिर खुशी में सिर्फ एक अहम बात कि पति के साथ जल्द कानपुर आना है।
कानपुर निवासी रामनाथ कोविंद ने कल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया। खुशियों के इन अहम क्षणों के बाद 'जागरण' ने उनकी पत्नी सविता कोविंद से फोन पर बातचीत की। बधाई स्वीकार करते ही वह लगे हाथ कानपुर वालों को भी तहे दिल से बधाई देती हैं।
इस उपलब्धि के अहसासों के बावत पूछने पर उनकी आवाज तो असीम खुशी का भान कराती है, लेकिन शब्द उन्हें समेटने की जुगत में लग जाते हैं। कहती हैं कि हां, खुशी है। सभी लोगों की दुआएं हैं। भगवान के आशीर्वाद से ही रामनाथ कोविंद जी दो बार राज्यसभा सांसद रहे, बिहार के राज्यपाल बने और अब यह मौका मिला है।
यह भी पढ़ें: संत रामभद्राचार्य ने की थी भविष्यवाणी, शीघ्र सर्वोच्च पद पर दिखेंगे कोविंद
रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति जैसे ओहदे तक पहुंचने की बाबत सविता कोविंद ने कहा कि मैंने या मेरे पति ने कभी कोई बड़ी हसरत पाली ही नहीं, जो मिलता गया, उसे खुशी से स्वीकार करते गए।
यह भी पढ़ें: कभी आमने सामने थी मीराकुमार - मायावती, अब साथ
पति के सबसे खास गुण के बारे में पूछने पर वह कहती हैं कि वह धैर्य, संयम और संतोष की मूर्ति हैं। उनके साथ रहते-रहते मैं भी उनसे यह सीखती जा रही हूं।
यह भी पढ़ें: राष्ट्रपति चुनावः कोविंद ने दाखिल किया नामांकन
कानपुर के बारे में पूछने पर सविता कोविंद कहती हैं कि उनके पति सांसद रहे हों या राज्यपाल, वह कानपुर बराबर आते रहे हैं। हम दुनिया के किसी भी छोर पर पहुंच जाएं, लेकिन कानपुर को कभी नहीं भूल सकते। उनका कहना था कि पति राष्ट्रपति बनते हैं तो मैं चाहूंगी कि जल्द से जल्द उनके साथ कानपुर जरूर आऊं।