Move to Jagran APP

घाटे के सफर पर रोडवेज

प्रदेश में सरकार बदलने के बाद भी विभागों की व्यवस्था में सुधार नहीं आया है। यही वजह है कि 150 सिटी ब

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Jun 2017 01:01 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jun 2017 01:01 AM (IST)
घाटे के सफर पर रोडवेज
घाटे के सफर पर रोडवेज

प्रदेश में सरकार बदलने के बाद भी विभागों की व्यवस्था में सुधार नहीं आया है। यही वजह है कि 150 सिटी बसें दौड़ने के बाद भी रोडवेज घाटे में चल रहा है। बसों के देखरेख की जिम्मेदारी जिन्हें दी गई है, उसमें कई ऐसे हैं जो अपनी झोली भर रहे हैं। सात लाख खर्च करने के बाद विभाग को कमाई सिर्फ साढ़े पांच लाख रुपये ही हो रही है।

loksabha election banner

-----------------

कानपुर, जागरण संवाददाता : महानगर को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए वर्ष 2009 में केंद्र सरकार ने जेएनएनयूआरएम के तहत 270 सिटी बसें उपलब्ध कराई थीं लेकिन ये बसें विभाग को कुछ नहीं दे पा रही हैं। इन बसों से जितनी आय हो रही है, वह बसों के मेंटीनेंस, सीएनजी भरवाने, चालकों के वेतन में ही जा रही है।

सिटी बसों की देखभाल व चालकों की व्यवस्था के लिए श्यामा श्याम कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस कंपनी को 18 से 20 रुपये प्रति किमी दिया जाता है। बसों की सीएनजी व परिचालक परिवहन का होता है। 210 सिटी बसें मार्ग पर जाने को तैयार हैं पर प्रतिदिन करीब 150 बसें ही रूट पर दौड़ती हैं। ये बसें प्रतिदिन करीब 22000 किमी का सफर तय करती हैं, ऐसे में श्यामा श्याम कंपनी को प्रतिदिन करीब चार लाख का भुगतान हो रहा है। करीब दो लाख रुपये की सीएनजी प्रतिदिन भरानी पड़ती है जबकि परिचालकों का वेतन जोड़ लें तो प्रतिदिन एक लाख रुपये वेतन हो गया। इस तरह प्रतिदिन सिटी बसों पर होने वाला खर्च तो सात लाख रुपये है पर कमाई सिर्फ साढ़े पांच लाख रुपये ही हो रही है। ऐसे में ये सिटी बसें प्रतिदिन डेढ़ लाख रुपये के घाटे में हैं।

----------------

यातायात निरीक्षक भी मस्त

इन सिटी बसों की चेकिंग के लिए छह यातायात निरीक्षकों की टीम मार्गो पर लगाई गई हैं पर ये टीमें भी जुगाड़ टेक्नालाजी का प्रयोग कर रही हैं।

पीएमओ जांच ठंडे बस्ते में

सिटी बसों के निर्माण में किए गए अधिक भुगतान को लेकर प्रधानमंत्री से शिकायत की गई थी, जिसपर पीएमओ ने जांच के आदेश दिए थे। पिछले वर्ष तत्कालीन सरकार ने मंडलायुक्त को जांच के आदेश दिए थे। मंडलायुक्त ने तत्कालीन डीएम को जांच के निर्देश दिए लेकिन ये जांच भी ठंडे बस्ते में चली गई। परिवहन मुख्यालय द्वारा जिस कंपनी ने सिटी बसों का निर्माण किया था, उन्हें 265 बसों के लिए 19.4 करोड़ का भुगतान करना था पर कंपनी को 30.17 करोड़ का भुगतान कर दिया गया।

--------------

कंपनी मेंटीनेंस, चालकों की व्यवस्था, चालकों को फंड, टोल टैक्स, परमिट व सभी टैक्स अदा करने के लिए जिम्मेदार है। प्रतिदिन 22000 किमी का सफर 150 सिटी बसें करती हैं। सिटी बसों को घाटे से उबारने की कोशिश की जा रही है।

दिनेश श्रीवास्तव, एआरएम किदवई नगर डिपो एवं प्रभारी सिटी बस

सिटी बसों की आय और व्यय की जानकारी नहीं है। कंपनी का काम सारी बसों की दिक्कतें दूर करना है।

पंकज कुमार, निदेशक श्यामा श्याम कंपनी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.