कोर्ट में बोला छात्र 'मैं तब पैदा ही नहीं हुआ था'
जागरण संवाददाता, कानपुर : पुलिस की और कारगुजारी बुधवार को सामने आई। दरअसल कोर्ट द्वारा जारी रिकवरी व
जागरण संवाददाता, कानपुर : पुलिस की और कारगुजारी बुधवार को सामने आई। दरअसल कोर्ट द्वारा जारी रिकवरी वारंट पर पुलिस ने एक छात्र पर तामील करा दिया। छात्र कोर्ट पहुंचा और बोला, मैने जमानत नहीं ली, क्योंकि तब मैं पैदा ही नहीं हुआ था। बता दें आर्म्स एक्ट के मामले में अभियुक्त की जमानत छात्र के पैदा होने के सात वर्ष पूर्व ली गई थी।
यह था मामला
छावनी पुलिस ने आयुध अधिनियम में चांद मियां को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। मामले में 19 जनवरी 1991 को बाजपेयी नगर जाजमऊ चकेरी निवासी इरशाद अहमद ने जमानत ली थी। दस्तावेजों में चस्पा फोटों में इरशाद बुजुर्ग दिखाई पड़ रहा है। चूंकि जमानत मिलने के बाद चांद मियां फरार हो गए और मुकदमा लंबित है लिहाजा न्यायालय ने जमानत लेने वाले इरशाद अहमद के खिलाफ जमानत धनराशि बीस हजार रुपये की रिकवरी का वारंट जारी कर दिया।
पुलिस ने छात्र पर तामील करा दिया वारंट
छावनी पुलिस बाजपेयी नगर चकेरी में रहने वाले छात्र इरशाद के पास रिकवरी वारंट का नोटिस लेकर पहुंच गई उसने पुलिस को बताया भी जनवरी 1991 में वह पैदा भी नहीं हुआ था। उसका जन्म 12 अगस्त 1998 को हुआ था। पुलिस को 2014 में पास हाईस्कूल प्रमाण पत्र भी दिखाया लेकिन पुलिस नहीं मानी। अधिवक्ता अनंत शर्मा ने बताया कि पुलिस के दबाव में इरशाद विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में पेश हुआ और जमानत न लेने की बात कही।
सहमत हुआ न्यायालय
अधिवक्ता के मुताबिक न्यायालय ने इरशाद की उम्र और हाईस्कूल प्रमाण पत्र देखने के बाद माना कि वह जमानत नहीं ले सकता। पुलिस ने गलत वारंट तामील करा दिया है। न्यायालय ने छात्र को राहत देते हुए छावनी पुलिस को सही जमानत लेने वाले व्यक्ति पर वारंट तामील कराने के आदेश दिए हैं।