कारोबारियों का वाट्सग्रुप बना जानकारी दें अधिवक्ता
जागरण संवाददाता, कानपुर : अधिवक्ता कारोबारियों का वाट्सएप ग्रुप बनाकर उन्हें जानकारी दें। इसके जरिये
जागरण संवाददाता, कानपुर : अधिवक्ता कारोबारियों का वाट्सएप ग्रुप बनाकर उन्हें जानकारी दें। इसके जरिये वे रोज के रोज जीएसटी के आ रहे नए-नए नियमों की जानकारी उन्हें दे सकेंगे। यह बात रविवार को टैक्स बार एसोसिएशन द्वारा सिविल लाइंस स्थित रेस्टोरेंट में आयोजित ट्रेनिंग वर्कशॉप में वाणिज्य कर एडिशनल कमिश्नर अनिल कुमार पाठक ने कही।
उन्होंने कहा कि क्लाइंट को उनके कारोबार के हिसाब से ग्रुप में बांट लेना चाहिए। जीएसटी में उनके हिसाब से आने वाली जानकारियों को उसी तरह दिया जाना चाहिए। वाणिज्य कर अधिकारी तो जानकारी दे ही रहे हैं। अधिवक्ता भी अपनी तरफ से जानकारी देंगे तो कारोबारियों को भी नियमों की तुरंत जानकारी मिलेंगी और वे उसके हिसाब से अपना काम करने की तैयारी करने लगेंगे।
कार्यशाला में डिप्टी कमिश्नर योगेश विजय, अमित पाठक, विशाल पुंडीर, असिस्टेंट कमिश्नर शैलेंद्र वाष्र्णेय ने अधिवक्ताओं को जानकारी दीं। अध्यक्षता टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष कुमार गुप्ता ने की। संचालन महामंत्री हरिओम गुप्ता ने किया। इस मौके पर अशोक अग्रवाल, श्याम धवन, एस मनु, प्रमोद द्विवेदी, पंकज श्रीवास्तव, राजेश कुरील, एसएस निगम, आरवी पांडेय, पीके श्रीवास्तव, अरुण आहूजा, उमेश पांडेय मौजूद रहे।
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ये जानकारियां भी दीं
- अगर वैट में रजिस्टर्ड तो जीएसटी में माइग्रेशन करना अनिवार्य।
-कर मुक्त हैं तो माइग्रेशन के बाद जीएसटी से बाहर हो सकते हैं।
- कार्य बंद होने, मर्जर होने या 20 लाख से कम का टर्नओवर होने पर जीएसटी से बाहर हो सकेंगे।
- अगर पैन चेंज हो तो नई फर्म बनानी होगी। उसका स्टाक, क्रेडिट लायबिलिटी ट्रांसफर होने के बाद पुरानी फर्म बंद होगी।
- अफसर की छुट्टी पर किसी दूसरे को उसी दिन काम करना होगा।
- सिर्फ समाधान योजना वालों को तिमाही रिटर्न की सुविधा।
- आफ लाइन रिटर्न जिस माह बिक्री कर रहे उसी माह भर सकते हैं।
- आन लाइन में यह सुविधा अगले माह की एक से 10 तारीख के बीच होगी।