ईट-भंट्ठा के लिए जीएसटी में अभी कोई अलग योजना नहीं
जीएसटी को लेकर किसी को कोई सवाल करना है तो 'दैनिक जागरण' विशेषज्ञों के पैनल के माध्यम समाधान बता रहा
जीएसटी को लेकर किसी को कोई सवाल करना है तो 'दैनिक जागरण' विशेषज्ञों के पैनल के माध्यम समाधान बता रहा है। आप अपना सवाल द्गस्त्रद्बह्लश्रह्मद्बड्डद्य@द्मठ्ठश्च.द्भड्डद्दह्मड्डठ्ठ.ष्श्रद्व पर मेल कर सकते हैं। आज के सवालों का जवाब दे रहे हैं जीएसटी विशेषज्ञ चार्टर्ड एकाउंटेंट आशीष बंसल।
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प्रश्न : मैं ईट भट्ठा संचालक हूं। कंपाउंडिंग योजना के तहत वैट अदा किया। मेरा सालाना टर्नओवर 78 लाख रुपये है। जीएसटी में ईट भंट्ठा के लिए क्या योजना है और इसकी गणना कैसे होगी। - विकास गुप्ता।
उत्तर : ईट-भंट्ठा के लिए अभी तक जीएसटी में कोई अलग से योजना नहीं आई है जैसे वैट में थी। 75 लाख वाली साधारण कंपोजिशन स्कीम है जिसे अपना सकते हैं, उसे अपनाने में अभी कोई रोक नहीं है।
प्रश्न : मेरा कपड़े का थोक व्यापार है किंतु अभी तक टैक्स के दायरे में नहीं था। जीएसटी में ओपनिंग स्टाक पर टैक्स की गणना कैसे होगी।
- राकेश सचदेवा
उत्तर : कपड़े में जीएसटी के पहले न वैट था और न ही एक्साइज। इसलिए इस पर ओपनिंग स्टाक पर कोई क्रेडिट मिलने का सवाल ही नहीं होता। जीएसटी लगने के बाद जो भी ओपनिंग स्टाक है उस पर जीएसटी लगा कर बेचना होगा।
प्रश्न : मैं और मेरा भाई अपनी अपनी प्रोपराइटर ऑडिट फर्म चलाते हैं और 30 जून के पहले हम दोनों पार्टनरशिप फर्म खोलना चाहते हैं। सुझाव दें प्रोपराइटरशिप फर्म बंद करें या पार्टनरशिप फर्म में मर्ज करें ताकि ओपनिंग स्टाक पर टैक्स क्रेडिट का नुकसान न हो। - आर सचदेवा।
उत्तर : अभी जिस तरह से कारोबार चला रहे हैं, उसी तरह चलाते रहें। जीएसटी लगने के कुछ समय बाद जब ट्रांजिशनल क्रेडिट ले लें उसके बाद ही मर्जर के बारे में विचार करें।