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असमंजस और डर, कारोबार पर असर

:::::::::::हाईलाइटर::::::::: - क्लिय¨रग ट्रांजेक्शन करीब 325-350 करोड़ - कैश ट्रांजेक्शन करीब 100

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Jun 2017 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 19 Jun 2017 01:00 AM (IST)
असमंजस और डर, कारोबार पर असर
असमंजस और डर, कारोबार पर असर

:::::::::::हाईलाइटर:::::::::

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- क्लिय¨रग ट्रांजेक्शन करीब 325-350 करोड़

- कैश ट्रांजेक्शन करीब 100-110 करोड़

- चालू खाते से ट्रांजेक्शन करीब 200 करोड़

- 30-35 करोड़ के ट्रांजेक्शन पर असर

- मशीनरी, मिलिंग, हार्डवेयर, इलेक्ट्रानिक आइटम 18 और 28 फीसद के स्लैब में

- एक्साइज पेड सामान पर 40 फीसद पर इनपुट गणना से भी व्यापारी सहमे

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जागरण संवाददाता, कानपुर : गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू होने के बाद पुराने स्टाक और उस पर मिलने वाले इनपुट क्रेडिट पर असमंजस का असर कारोबार पर पड़ने लगा है। कारोबारियों ने पुराना माल निकालने के लिए नई खरीद बंद कर दी है और इसका असर बैंकों में कैश ट्रांजेक्शन और चालू खाते से कम लेनदेन रूप में सामने आ रहा है। जून माह में चालू खातों से ट्रांजेक्शन की रकम में 10 से 20 फीसद की गिरावट देखी जा रही है। चालू खाते से करीब 200 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन में करीब 30 से 35 करोड़ रुपये कमी आई है वहीं वास्तविक कारोबार में करीब 12 से 15 करोड़ रुपये की कमी आई है।

एक जुलाई से जीएसटी लागू होना प्रस्तावित है। इसमें पुराने स्टाक पर वैट और एक्साइज के अनुसार इनपुट क्रेडिट प्रस्तावित है। एक्साइज आरोपित वस्तुओं में इनपुट क्रेडिट की गणना 40 फीसद और वैट आरोपित वस्तुओं में 100 फीसद के अनुसार होगी वहीं जीएसटी में हार्डवेयर, मशीनरी, मिलिंग, बुलियन आदि के टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है। इसका सीधा असर इनपुट क्रेडिट पर पड़ेगा। वहीं अभी तक केवल एक साल पुराने स्टाक पर ही इनपुट क्रेडिट मिलना प्रस्तावित है। हार्डवेयर, बुलियन, मिलिंग, मशीनरी आदि से संबंधित जुड़े कई ऐसे कारोबार हैं, जहां स्टाक दो-दो साल पुराना होता है। यही कारण है कि कारोबारी कई आइटमों में भारी छूट दे रहे है।

इनपुट क्रेडिट और स्टाक की समय सीमा पर असमंजस का असर बाजार पर दिख रहा। बैंकों में ट्रांजेक्शन रेट कम हो गया है। नयागंज स्थित एक बैंक शाखा में रोजाना आने वाला दो करोड़ रुपये से घटकर करीब सवा करोड़ रुपये रह गया है वहीं इंडस्ट्रियल इस्टेट की एक शाखा में चालू खातों में करीब बीस फीसद ट्रांजेक्शन कम हो रहा है। हालांकि इंडस्ट्री से जुड़े चालू खातों में ट्रांजेक्शन में कमी नहीं आई है और उनमें सीमा के अनुसार ओवरड्राफ्ट लिमिट (ओडी लिमिट) की सेवा ली जा रही लेकिन यहां भी जल्द असर पड़ने की आशंका है। भारतीय स्टेट बैंक की एक शाखा के शाखा प्रबंधक का कहना है कि चालू खाते में करीब दस से 12 फीसद की गिरावट आई है वहीं अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री ज्ञानेश मिश्र का कहना है कि मशीनरी, इलेक्ट्रानिक बाजार में एक साल से पुराना माल भी होता, उसका इनपुट क्रेडिट नहीं मिलने की बात कही जा रही है। ऐसे में कारोबारी नई खरीद बिल्कुल नहीं कर रहे हैं।


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