कर्मचारियों को रास नहीं आ रहा लाभार्थियों का सत्यापन
जागरण संवाददाता, कानपुर : सपा की सरकार तो चली गई लेकिन पेंशन के नाम पर अधिकारियों के लिए टेंशन छोड़
जागरण संवाददाता, कानपुर : सपा की सरकार तो चली गई लेकिन पेंशन के नाम पर अधिकारियों के लिए टेंशन छोड़ गई। पिछली सरकार में पेंशन बांटे जाने का सत्यापन अधिकारियों के गले की फांस बन गया है। लेखपालों के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी इस काम को करने में पीछे हट रही हैं।
पिछली सपा सरकार ने गरीबों के लिए समाजवादी पेंशन योजना शुरू की थी। इसमें तमाम शिकायतें आती रहीं पर सरकार की प्राथमिकता की योजना को देखते हुए अधिकारियों ने इस पर गौर नहीं किया। प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद इसका नाम बदल दिया गया है। अब इसे राज्य सरकार द्वारा संचालित पेंशन योजना कहा जा रहा है। साथ ही शासन स्तर से लाभार्थियों के सत्यापन के आदेश जारी किए गए हैं। प्रशासन व समाज कल्याण विभाग के इस कार्य में कई विभागों के स्टाफ को लगाया गया। कानपुर में इस पेंशन योजना के तहत 92234 लाभार्थियों का लक्ष्य था, जिसमें से 90776 को पेंशन दी गई। 4420 लाभार्थियों का अब तक सत्यापन हो चुका है इनमें से 21 मृतक पाए गए, जबकि 176 अपात्र हैं। सत्यापन तो शुरू हो गया है पर इसे करने वाले अब कदम पीछे खींच रहे हैं। प्रधानों से रिश्तों में खटास आते देख लेखपालों ने सत्यापन से पहले ही हाथ खड़े कर दिए तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जिम्मा सौंपा गया। विभागीय सूत्रों ने बताया कि वही भी सत्यापन के लिए तैयार नहीं हैं। हालांकि अधिकारी उन्हें मनाने में जुटे हुए हैं। इस काम में लगे अन्य सरकारी कर्मचारी भी जी चुरा रहे हैं।