'सरे राह मुर्गा बनाया, इसलिए नबी को मार दिया'
जागरण संवाददाता, कानपुर : गुलाम नबी ने नादिर को सरेराह पीटकर मुर्गा बनाया और शफीक भयंकर के भाई वसीम
जागरण संवाददाता, कानपुर : गुलाम नबी ने नादिर को सरेराह पीटकर मुर्गा बनाया और शफीक भयंकर के भाई वसीम व उसके मामा चीना को जान से मारने की कोशिश की थी। बेइज्जती का बदला लेने के लिए एक महीने तक घात लगाई, रविवार शाम मौका मिला तो ठोंक डाला..। हत्यारोपी शफीक भयंकर और उसके मामा चीना उर्फ इरशाद ने चमनगंज थाने में यही कहानी बताकर इकबाल ए जुर्म किया है। पुलिस अब नादिर, उसके भाई व बाकी साथियों की तलाश में जुटी है।
पुलिस के अनुसार हिस्ट्रीशीटर गुलाम नबी की हत्या बेइज्जती का बदला लेने के लिए और कारोबारी रंजिश के चलते की गई। करीब चार महीने पहले गुलाम नबी जेल से छूटकर आया था। आते ही उसने मीट का कारोबार दोबारा शुरू किया। अपने फुफेरे भाई नादिर और उसके भाइयों को साथ मिलाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद झगड़ा शुरू हुआ। पहले नादिर के भाइयों ने गुलाम के छोटे भाई जावेद को पीटा। इसके बाद गुलाम और जावेद ने घर में घुसकर नादिर व उसके परिवार पर हमला बोल दिया। नादिर को बीच सड़क पर मुर्गा भी बनाया। अनवरगंज थाने में उस घटना की एनसीआर दर्ज है।
यही नहीं एक माह पूर्व शफीक जेल से छूटकर आया तो गुलाम ने उसे साथ आने के लिए कहा, लेकिन शफीक ने इन्कार कर दिया। तब गुलाम ने शफीक, उसके भाई और मामा चीना व पप्पू पर हमले किए। तब नादिर के कहने पर शफीक और उसके साथियों ने गुलाम को मारने का प्लान बनाया।
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गुलाम या हम, एक ही गैंग रह सकता था
चीना ने कहा कि या तो गुलाम नबी शहर में कारोबार कर सकता था या फिर हम लोग। वह हमारे साथ कुत्तों जैसा सुलूक करता था। बात-बात पर मारपीट करता था। शफीक तो गुलाम के साथ पहले भी काम कर चुका था। लेकिन उसका भी लिहाज नहीं करता था। हम सब एकजुट होकर उसे नहीं मारते तो एक-एक करके वह हमें ऊपर भेज देता।
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कभी गुलाम का दाहिना हाथ था शफीक
शफीक किसी जमाने में गुलाम का दाहिना हाथ था। दोनों शानू बॉस के लिए काम करते थे। जिसे काफी पहले पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। गुलाम के जेल जाने के बाद शफीक ने गुलाम के छोटे भाई जावेद के साथ मिलकर उसकी पैरवी भी की। लेकिन बाद में वह अलग काम करने लगा। पुलिस के अनुसार डी 2 गैंग के सरगना अतीक के भाई रफीक की हत्या में गुलाम के साथ उसका नाम भी आया था।
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नादिर की लोकेशन अभी भी बेकनगंज
गुलाम को मारने के बाद नादिर या उसके साथी शहर छोड़कर नहीं गए बल्कि चमनगंज और बेकनगंज में अपने कुछ परिचितों के यहां छिपे हैं। पुलिस ने चीना और शफीक को गिरफ्तार कर केस का खुलासा तो कर दिया लेकिन नादिर अब तक हत्थे नहीं लगा। सूत्रों की मानें तो सटीक मुखबिरी के कारण वह पुलिस से बच रहा है। पुलिस अफसरों ने बताया कि मंगलवार सुबह उसकी लोकेशन बेकनगंज में थी।