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मौत के जबड़े में छटपटाती रहीं ¨जदगियां

जागरण संवाददाता, कानपुर दक्षिण : पूरे मकान में आग और चारों तरफ धुएं का गुबार। भयावह मंजर और बचने को

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 May 2017 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 23 May 2017 01:00 AM (IST)
मौत के जबड़े में छटपटाती रहीं ¨जदगियां
मौत के जबड़े में छटपटाती रहीं ¨जदगियां

जागरण संवाददाता, कानपुर दक्षिण : पूरे मकान में आग और चारों तरफ धुएं का गुबार। भयावह मंजर और बचने को गुहार लगातीं मकान में कैद चार ¨जदगियां। चीख पुकार व बचाव की मशक्कत के बीच ¨जदगी की जंग जारी थी, लेकिन मौत के जबड़े ने एक झटके में सबको लील लिया।

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रविवार रात हंसी खुशी साड़ी कारोबारी का पूरा परिवार सोया था और सोमवार को बाजार बंदी का दिन था। नीरज ने परिवार के साथ अच्छे से छुट्टी बिताने की सोची थी पर उन्हें जरा सी भी भनक नहीं थी कि काल उनके दरवाजे पर खड़ा था। तड़के आग लगने के बाद उज्ज्वल ने मामा अंकित को फोन किया। फोन पर शिम्पी और नीरज ने भी जल्द आकर बचाने की गुहार लगाई। इस बीच पति-पत्नी ने बेटे व मां को एक कमरे में सुरक्षित कर दिया और आग बुझाने में जुटे। लोहे की राड से नीरज ने मकान के चैनल में लगे ताले को तोड़ने की कोशिश की पर असफल रहे। आग बुझाने में नीरज व शिम्पी आग से घिर गए और बचाने के लिए शोर मचाने लगे।

नीरज के पड़ोस में रहने वाली आरती देवी ने बताया कि शोर सुनकर हम लोग छत पर भागकर आए तो देखा कि भीषण आग लगी है। रोती हुई वह बोलीं कि नीरज अंदर से चिल्ला रहे थे कि आंटी हमको बचा लो, हम मर जाएंगे। वे लगातार गुहार लगा रहे थे पर वह बेबस थीं और कुछ न कर सकी।


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