पीएचडी केलिए और करें साल भर इंतजार
जागरण संवाददाता, कानपुर : छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) से पीएचडी करने की ख्वाहि
जागरण संवाददाता, कानपुर : छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) से पीएचडी करने की ख्वाहिश रखने वाले अभ्यर्थियों को अभी साल भर और इंतजार करना होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के बदले नियमों के अनुसार सीएसजेएमयू ने दो माह पहले अध्यादेश तैयार कर लिया था लेकिन राजभवन से हरी झंडी नहीं मिली है। दो साल से शहर के अभ्यर्थी पीएचडी का नया सत्र शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
दो साल पहले पीएचडी में उन छात्रों को प्रवेश दिया गया था जिन्होंने सन् 2012 में फैजाबाद स्थित डा. राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित पीएचडी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की थी। इसमें कानपुर के भी कई छात्र शामिल हुए थे, लेकिन उसके बाद से प्रवेश परीक्षा नहीं हुई। इसके कई कारण रहे। पहला जिन छात्रों को प्रवेश दिया गया उनकी फाउंडेशन कोर्स की परीक्षाएं देर से हो सकीं। इसके अलावा इसमें अनुपस्थित व कम अंक वाले छात्रों को दोबारा मौका दिए जाने में तीन माह से अधिक का समय निकल गया।
महीने भर पहले बना अध्यादेश :
यूजीसी के बदले नियमों के अनुसार विश्वविद्यालय ने करीब महीने भर पहले पीएचडी का अध्यादेश तैयार किया। लेकिन राजभवन से पास न होने के कारण गाड़ी आगे नहीं बढ़ पा रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन स्वयं मानता है कि अध्यादेश पास होने के बाद नए विषय बढ़ाए जाने व सुपरवाइजर की सूची बनाने में कम से कम दो माह का समय लगेगा।
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नए विषयों पर होगा विचार : फार्मेसी, लॉ, लाइब्रेरी एंड इंफोर्मेशन साइंस, मास कॉम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म, कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन्स, इलेक्ट्रॉनिक साइंस, फोरेंसिक साइंसेज, अर्थ साइंसेज, स्टैटेटिक्स, फिजिकल एजुकेशन व इंजीनिय¨रग समेत उन सभी विषयों में छात्रों को पीएचडी करने का मौका दिया जाएगा जिनकी पढ़ाई विश्वविद्यालय में होती है।
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'पीएचडी की प्रवेश परीक्षा आयोजित किए जाने में अभी समय लगेगा। इस साल के अंत तक फार्म जारी किए जा सकते हैं। छात्रों को गुणवत्तापूर्ण पीएचडी कराने के उद्देश्य से तकनीकी बिंदुओं पर काम किया जा रहा है।'
प्रो. जेवी वैशम्पायन, कुलपति सीएसजेएमयू