प्रेम की पहली शर्त ईश्वर को जानना
जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रेम की सबसे पहली शर्त है ईश्वर को जानना। आज हम परमात्मा को केवल मानते है
By JagranEdited By: Published: Sun, 21 May 2017 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 21 May 2017 01:01 AM (IST)
जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रेम की सबसे पहली शर्त है ईश्वर को जानना। आज हम परमात्मा को केवल मानते हैं उसे जानते नहीं। सेंट्रल पार्क शास्त्री नगर स्थित काली मठिया मंदिर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस साध्वी पद्महस्ता भारती ने रुक्मणी विवाह प्रसंग का वर्णन करते हुए भक्तों से यह प्रवचन कहे। उन्होंने कहा कि भागवत कथा मानने से जानने की यात्रा है। मीराबाई ने अपने गुरु रविदास की कृपा से यह यात्रा संपन्न की थी। इस अवसर पर स्वामी करुणेशानंद, स्वामी प्रमीतानंद, बोधया, शालिनी, विनय प्रदा, सुमन, प्रमीता, उज्जेशा, निधि व अन्य भक्त उपस्थित रहे।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें