दो महीने में नहीं हो पाई मनी लांड्रिंग की जांच
जागरण संवाददाता, कानपुर : नोटबंदी के दौरान यूनाइटेड मर्केटाइल बैंक में करोड़ों रुपये का काला धन सफेद
जागरण संवाददाता, कानपुर : नोटबंदी के दौरान यूनाइटेड मर्केटाइल बैंक में करोड़ों रुपये का काला धन सफेद करने और मनी लांड्रिंग की शिकायत की जांच दो महीने बाद भी पूरी नहीं हो पाई है। मामले में संयुक्त आयुक्त सहकारिता ने एक महीने पहले रिमाइंडर भेज कर तुरंत जांच आख्या मांगी थी लेकिन अभी तक नहीं भेजी गई।
कल्याणपुर के पातंजलि शर्मा ने संयुक्त आयुक्त सहकारिता से शिकायत कर आरोप लगाया था कि नोटबंदी के दौरान इस बैंक में कूटरचित दस्तावेज तैयार कर करोड़ों की हेराफेरी के साथ कालाधन सफेद किया गया। साथ ही बैंक ने करोड़ों रुपये की मनी लांड्रिंग की है। मार्च में इसकी जांच के आदेश दिए गए। कोई कार्रवाई नहीं हुई तो संयुक्त आयुक्त ने 13 अप्रैल 2017 को रिमाइंडर भेजा लेकिन अभी तक इसका जवाब नहीं मिला है। सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक प्रमोदवीर आर्य का कहना है कि काला धन सफेद करने, मनी लांड्रिंग आदि के मामले की जांच तकनीकी है। इसकी जांच सक्षम एजेंसी ही करेगी। हम अपनी जांच रिपोर्ट जल्द ही भेज देंगे।
बैंक पर जारी आरबीआइ के सुपरवाइजरी निदेश
यूनाइटेड मर्केटाइल कोआपरेटिव बैंक इस समय भारतीय रिजर्व बैंक के पर्यवेक्षणीय निदेशों के अधीन चल रहा है। आरबीआइ के इंस्पेक्शन अफसर ने बैंक की वार्षिक वित्तीय रिपोर्ट की जांच में काफी अनियमितताएं पकड़ी थीं। जांच में बैंक का गैर निष्पादित संपत्तियां 39 फीसद मिलीं जबकि आरबीआइ में जमा हो रही बैलेंसशीट में इसे दस फीसद ही दिखाया गया। साथ ही किदवई नगर शाखा में रिटेल ट्रेड लोन, सर्वोदय नगर शाखा में वाहन लोन, कई मामलों में पर्सनल लोन देने में अनियमितता का मामला मिला। इसके बाद बैंक पर आरबीआइ के सुपरवाइजरी इंस्ट्रक्शन चल रहे हैं।