फर्जी गरीबों को राशन कार्ड सरेंडर करने का मौका
जागरण संवाददाता, कानपुर : सीएम की सख्ती का असर अब विभागों में साफ दिखने लगा है। आपूर्ति निरीक्षकों क
जागरण संवाददाता, कानपुर : सीएम की सख्ती का असर अब विभागों में साफ दिखने लगा है। आपूर्ति निरीक्षकों की मिलीभगत से सक्षम होने के बाद भी अंत्योदय और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का कार्ड बनवाने वालों की पहचान की प्रक्रिया अब शुरू हो गई है। फिलहाल जिला आपूर्ति अधिकारी ने 1500 टीमें गठित कर दी हैं। अब इन टीमों के सदस्यों को घर-घर जाकर सत्यापन करना है। फर्जी गरीब बने ऐसे लोगों के पास मौका है कि वे एक मई से पहले राशन कार्ड सरेंडर कर दें, अन्यथा उन पर मुकदमा दर्ज होगा।
अंत्योदय योजना के 63148 और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के 716624 पात्र गृहस्थों को फिलहाल गेहूं व चावल मिल रहा है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली की इस योजना में भी भ्रष्टाचार है क्योंकि तमाम ऐसे गरीब हैं जिन्हें गेहूं चावल नहीं मिल पाता। उनके कार्ड कोटेदारों के यहां बंधक हैं। कोटेदार राशन कार्ड को अपने पास रख लेते हैं और जब मान में आता है तो राशन देते हैं। हजारों लोग तो ऐसे हैं जिनको पता भी नहीं है और उनके कार्ड कोटेदारों ने बनवा रखे हैं। अब सत्यापन की प्रक्रिया में असलियत सामने आ जाएगी। अगर एक भी कार्ड धारक का कार्ड कोटेदार के पास मिला तो लाइसेंस निरस्त होगा। कोटेदार पर मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है। इसके साथ ही अगर किसी ने एपीएल होकर भी गरीबी का कार्ड बनवा रखा होगा तो उसकी भी खैर नहीं। ऐसे लोगों से पूर्व में दिए गए गेहूं व चावल के मूल्य की रिकवरी होगी। मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। यही वजह है कि फर्जी गरीबों से अपील की जा रही है कि वे तुरंत राशन कार्ड सरेंडर कर दें। जिला आपूर्ति अधिकारी नीरज कनौजिया ने बताया सत्यापन में जो फर्जी मिलेंगे उन पर कार्रवाई होगी।