अंतत: प्रशासन ने कृपाशंकर को माना लोकतंत्र सेनानी
जागरण संवाददाता, कानपुर: आपातकाल का विरोध करने के आरोप में जेल भेजे गए पतारा ब्लाक के केवड़िया गांव न
जागरण संवाददाता, कानपुर: आपातकाल का विरोध करने के आरोप में जेल भेजे गए पतारा ब्लाक के केवड़िया गांव निवासी कृपाशंकर अंतत: खुद को लोकतंत्र सेनानी साबित करने में सफल हो गए। अब उन्हें लोकतंत्र रक्षक सेनानी के रूप में हर माह 15 हजार रुपये पेंशन मिलेगी।
आपातकाल का विरोध करने के आरोप में जो लोग भी मेंटीनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट (मीसा) के तहत गिरफ्तार किए गए थे उन्हें मुख्यमंत्री बनने के बाद अखिलेश यादव ने लोकतंत्र रक्षक सेनानी मानते हुए पेंशन देने की घोषणा की थी। पेंशन लोगों को मिलने लगी, लेकिन केवड़िया गांव के कृपा शंकर तिवारी लोकतंत्र रक्षक सेनानी घोषित नहीं किए गए। वे लगातार भागदौड़ करते रहे। उन्होंने जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत जेल प्रशासन से सूचना मांगी तो उन्हें बताया गया कि वे जेल में थे। जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मिले सूचना प्रपत्र को उन्होंने एडीएम भू अध्याप्ति समीर वर्मा को दिया। इसके बाद उन्हें लोकतंत्र रक्षक सेनानी गुरुवार को घोषित कर दिया गया।