संत की संगति से मिलते भगवान
जागरण संवाददाता, कानपुर : किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान के जाने का शोक नहीं करना चाहिए, क्योंकि कुछ भी
जागरण संवाददाता, कानपुर : किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान के जाने का शोक नहीं करना चाहिए, क्योंकि कुछ भी अपना नहीं है। सबका मालिक भगवान है। साधु पुरुष की संगति मुक्ति का मार्ग है। जब हम संत की संगत करते हैं तो निश्चित रूप से हमें परमपिता परमेश्वर की प्राप्ति होती है। संत की कृपा से ही भगवान मिलते हैं यह बात हमें जान लेनी चाहिए। इस अवसर पर गुलाब गंगा कैंट में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथावाचक वेणुगोपाल जी महाराज ने कही।
उन्होंने कहा कि विद्या के द्वारा विनम्रता की प्राप्ति होती है। धर्म का संरक्षण ही विद्या का लक्षण है। यही जीवन का मूल मंत्र है। मनुष्य को ब्रह्मा मुहूर्त में उठकर वृत्तियों को शांत करने का अभ्यास करना चाहिए। आज सनातन पद्धति के हाथों में देश का शासन आ गया है। इसका सदुपयोग करके मनुष्य अपना कल्याण कर सकता है। उन्होंने कहा कि सौंदर्य मनुष्य की आंखों में होता है। विचारों की ऊंचाई पर जाकर ईश्वर को देखना अपनी शांति को न खोना ही मुक्ति है। ज्ञान के बिना मोह से छूटना मुश्किल है। इस अवसर पर यजमान विजय पंडित, डा. एएस प्रसाद, डा. अलका शर्मा, शेष नारायण त्रिवेदी, सुखदेव शुक्ला, प्रखर परोपकार मिशन के आनंद ब्रह्माचारी, अरुण मिश्रा, टुन्नू थरड, रोहित कोहली, विक्रम पंडित आदि रहे।