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'गंगा से है जीवन, गंगा में है जीवन'

कानपुर, जागरण संवाददाता, कानपुर : नमामि गंगे योजना के तहत मंगलवार को सरसैया घाट पर प्रशासनिक अफसरों

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Mar 2017 01:01 AM (IST)Updated: Wed, 29 Mar 2017 01:01 AM (IST)
'गंगा से है जीवन, गंगा में है जीवन'
'गंगा से है जीवन, गंगा में है जीवन'

कानपुर, जागरण संवाददाता, कानपुर : नमामि गंगे योजना के तहत मंगलवार को सरसैया घाट पर प्रशासनिक अफसरों ने छात्र-छात्राओं और समाजसेवियों के साथ श्रमदान किया। इस दौरान 'गंगा से है जीवन, गंगा में है जीवन' का नारा गूंजा। अफसरों ने घाट के साथ ही गंगा की तलहटी से पालीथीन व मूर्तियों आदि को निकाला। इस दौरान गंगा को प्रदूषित न करने के लिए संकल्प भी दिलाया गया।

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मंगलवार सुबह राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अधिशासी निदेशक राजीव किशोर के नेतृत्व में सीडीओ अरुण कुमार, एडीएम सिटी केपी सिंह, एडीएम वित्त संजय चौहान, एडीएम भू अध्याप्ति समीर वर्मा और अन्य अफसरों ने घाट पर सफाई की। करीब दो घंटे तक अफसरों ने झाड़ू लगाई और कूड़ा उठाया। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय की छात्र-छात्राओं ने भी पूरी शिद्दत के साथ गंगा के आंचल और घाट की सफाई की। इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में अधिशासी निदेशक राजीव किशोर ने कहा कि गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए एकजुट होकर कार्य करना होगा। गंगा को सिर्फ नदी न समझें, यह जीवनधारा है। केंद्रीय जल आयोग के सदस्य एस मसूद हुसैन ने कहा गंगा के घाटों को साफ करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चलने की जरूरत है। सेंटर फॉर इंवायरमेंट एजूकेशन की प्रोग्राम डायरेक्टर प्रीती आर कनौजिया, समाजसेवी मदन भाटिया, सिटी मजिस्ट्रेट एपी श्रीवास्तव, डिप्टी कलक्टर आनंद सिंह, वान्या सिंह, अंजू बाला ने भी श्रमदान किया।


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