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खड़े ट्रक में बाइक सवार तीन छात्र घुसे, एक की मौत

संवाद सहयोगी, महाराजपुर : बच्चों की जिद के आगे परिजनों की मौन स्वीकृत से नादान हाथों में सड़क पर दौड़न

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 01:01 AM (IST)
खड़े ट्रक में बाइक सवार तीन छात्र घुसे, एक की मौत
खड़े ट्रक में बाइक सवार तीन छात्र घुसे, एक की मौत

संवाद सहयोगी, महाराजपुर : बच्चों की जिद के आगे परिजनों की मौन स्वीकृत से नादान हाथों में सड़क पर दौड़ने वाले वाहन उनके व दूसरों के लिए खतरा बन रहे हैं। महाराजपुर के हाथीपुर मोड़ के पास हाइवे किनारे खड़े ट्रक में तेज रफ्तार बाइक टकराने से सवार तीन नाबालिग उसमें घुस गए। इससे बाइक चला रहे किशोर के हेलमेट न लगाए होने से हेड इंजरी से मौके पर ही मौत हो गई। वहीं अन्य दोनों साथी गंभीर रूप से घायल हो गए।

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महाराजपुर के लालापुरवा निवासी किसान रघुराज यादव का बेटा वीर ¨सह (15) सोमवार को रूमा 10वीं की अंग्रेजी विषय की परीक्षा देने बाइक से निकला था। उसके साथ खोजऊपुर निवासी रतीपाल के किशुनपुर फतेहपुर निवासी साले मान ¨सह के बेटे संजय (14) व वहीं के राजप्रकाश सविता का बेटा ओमनाथ (14) भी उसके साथ बाइक पर बैठ कर परीक्षा देने के लिए चल दिए जबकि वीर ¨सह व ओमनाथ का परीक्षा केंद्र आदर्श इण्टर कॉलेज हाथीगांव व संजय का संकरानंद इण्टर कॉलेज सरसौल स्टेशन था। हाथीपुर मोड़ के पास तेज रफ्तार बाइक अनियंत्रित होकर हाइवे किनारे खड़े ट्रक में पीछे से जा भिड़ी। सिर में गंभीर चोट आने से बाइक चला रहे वीर ¨सह की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं संजय और ओमनाथ गंभीर घायल घायल हो गए। पुलिस ने घायलों को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया जहां से संजय को हैलट रेफर किया गया है। मृतक वीर ¨सह तीन भाई एक बहन में सबसे छोटा था। वहीं मां उíमला व बहन का रो-रोकर बुरा हाल था। संजय खोजऊपुर में अपनी बहन साधना के घर रहककर पढ़ाई कर रहा था।

नाबालिगों के हाथों में खतरे की चाभी

हाइवे व शहर की सड़कों पर स्कूल जाने वाले बच्चे दोपहिया वाहनों को लेकर बेरोकटोक फर्राटा भरते नजर आते हैं। इनमें से अधिकतर अठारह साल से कम उम्र के होते हैं। न तो इनको यातायात नियमों की जानकारी होती है और न ही इनके पास ड्राइ¨वग लाइसेंस होता है। सुरक्षा के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण हेलमेट भी इनके सिर में नहीं होता है। सबसे बड़ी बात यह है कि अपने चहेतों की जिद के आगे अभिभावक बिना कुछ सोचे समझे नाबालिगों के हाथों में बाइक की चाभी थमा देते हैं और वह बेधड़क ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ये बच्चे अपने साथ दूसरों की जिंदगी के लिए भी खतरा बने हुए हैं। अपने लाडले की हर ख्वाहिश पूरी करने के लिए बिना कुछ सोचे समझे हर माता-पिता की आदत सी बन गई है। यही वजह है कि अभिभावक की नासमझी के कारण बच्चों की हर जरूरतों को समय से पहले पूरा करने के चक्कर में नादान बाइक राइडर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है।


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