बीटेक कालेजों का शटर गिरा, डिप्लोमा व फार्मेसी का उठा
जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रदेश में बीटेक कालेज अब बंदी के कगार पर पहुंच चुके हैं। इस सत्र में 32 क
जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रदेश में बीटेक कालेज अब बंदी के कगार पर पहुंच चुके हैं। इस सत्र में 32 कॉलेजों ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) के पास आवेदन किया है। इससे उलट इंजीनिय¨रग व फार्मेसी डिप्लोमा शुरू करने के लिए 139 नए कालेजों ने आवेदन किया है। सत्र 2017-18 के लिए कानपुर स्थित एआइसीटीई के क्षेत्रीय कार्यालय के पास कुल 176 आवेदन आए हैं।
एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) से संबद्ध इंजीनिय¨रग कालेजों में सीटें खाली रहने के कारण अब उन्होंने कालेज बंद करने का निर्णय ले लिया है। प्लेसमेंट का ग्राफ गिरने व ब्रांडिंग की कमी के कारण प्रदेश के ज्यादातर छात्र बीटेक के लिए दूसरे प्रदेशों के कालेजों का रुख कर रहे हैं। सत्र 2014 में 18, 2015 में करीब 20 व 2016 में 24 इंजीनिय¨रग कालेजों ने बीटेक का पाठ्यक्रम बंद कर दिया था। इस साल उनकी संख्या और बढ़ गई है। शिक्षाविद् बताते हैं कि शिक्षकों की कमी इसका एक बड़ा कारण है। छात्रों को वह शिक्षा नहीं मिल पा रही है जो उन्हें सीधे नौकरी से जोड़े। वहीं कालेजों में होने वाली पढ़ाई व इंडस्ट्री में काम करने के तरीकों में एक बड़ा गैप होने के कारण भी छात्र अब बीटेक से किनारा करने लगे हैं। एमबीए की स्थिति भी अच्छी नहीं है। उस पाठ्यक्रम में भी प्लेसमेंट का ग्राफ गिरा है। बीटेक व एमबीए के 32 कालेज बंद करने वालों के अलावा दो कालेज ऐसे हैं जिन्होंने बीटेक बंद करके डिप्लोमा शुरू करने के लिए आवेदन किया है। तीन कालेज अपने कालेजों के स्थान को बदलना चाहते हैं।
21 दिन में बताना था कि क्षेत्र में कालेज खुलेंगे कि नहीं :
इस बार एआइसीटीई की नियमावली में कालेज खोलने के नियमों की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। इस बार शासन व विश्वविद्यालय को 21 दिन में बताना था कि किस क्षेत्र में कालेज नहीं खोले जाने हैं। उन्हें इसके लिए 25 फरवरी तक का समय दिया गया था जो समाप्त हो चुका है। अब एआइसीटीई ने ऐसे सभी कालेजों की मान्यता प्रक्रिया आगे बढ़ा दी है जिन्होंने आवेदन किया था।
एआइसीटीई से मान्यता प्राप्त कालेजों की स्थिति :
-तकनीकी व प्रबंधन के डिग्री व डिप्लोमा के प्रदेश में कालेज : 1100
-शहर में कालेजों की संख्या : 50
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दस अप्रैल तक कालेजों को मान्यता दिए जाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। सत्र 2017-18 के लिए इस बार डिप्लोमा शुरू करने वाले कालेजों की संख्या बढ़ी है।
डा. मनोज तिवारी, क्षेत्रीय अधिकारी एआइसीटीई