रिस्क स्टडी से बिजनेस घाटा कम
जागरण संवाददाता, कानपुर : रिस्क स्टडी से बिजनेस के घाटे को कम किया जा सकता है। इससे जाना जा सकता है
जागरण संवाददाता, कानपुर : रिस्क स्टडी से बिजनेस के घाटे को कम किया जा सकता है। इससे जाना जा सकता है कि कौन से ऐसे बिंदु हैं जहां कंपनी के खर्च अधिक हैं और उसके कारण ही उतना लाभ नहीं मिल पा रहा है जो मिलना चाहिए।
यह बातें कानपुर चार्टर्ड अकाउंटेंट सोसाइटी द्वारा सिविल लाइंस स्थित एक रेस्टोरेंट के सभागार में आयोजित गोष्ठी में सोसाइटी के संयोजक नवल कपूर ने कही। उन्होंने कहा कि रिस्क स्टडी में सेवाओं में मौजूदा एवं भावी रिस्क की गणना की जाती है जिससे निवेशक को निवेश करने के निर्णय में सहायता मिलती है। उन्होंने प्रोसेस स्टडी के बारे में कहा कि बिजनेस का संचालन के मौजूदा तरीकों में खामियों की पहचान कर उन्हें दूर करने की सलाह दी जाती है। इन सबका उद्देश्य लागत कम करते हुए फ्राड की पहचान (कॉस्ट रिडक्शन-फ्राड डिटेक्शन) करना है।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट राजीव मेहरोत्रा ने इनकम कंप्यूटेशन डिस्क्लोजर स्कीम (आइसीडीएस) के बारे में बोलते हुए कहा कि 29 सितंबर 2016 को आयकर विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन के माध्यम से इसे लागू किया गया है। यह पहली अप्रैल 2017 से प्रभावी होगा। सभी कंपनियां, फर्म, निजी कर दाता शामिल होंगे। इसका उद्देश्य उचित समय पर उचित कर का संग्रह करना और करदाताओं को कर जमा करने का एक समान तरीका बनाना है।
गोष्ठी को अन्य वक्ता चार्टर्ड अकाउंटेंट आनंद सक्सेना ने बिजनेस प्रोसेस री इंजीनिय¨रग पर बोलते हुए कहा कि इससे कार्यप्रणाली का विश्लेषण किया जाता है ताकि बिजनेस प्रोसेस को अपने व्यवसाय के अनुकूल कम से कम संसाधनों का उचित उपयोग करते हुए अधिकतम लाभ प्राप्त किया जाता है। बिजनेस प्रोसेस इन इंजीनिय¨रग में कोर बिजनेस प्रोसेस को बिजनेस की आवश्यकता के अनुसार डिजाइन करके उत्पादन तथा क्वालिटी में सुधार किया जाता है।
गोष्ठी में प्रमुख रूप से विशाल खन्ना, ज्ञान प्रकाश गुप्ता, अतुल मेहता, अखिलेश तिवारी, संकल्प भल्ला आदि मौजूद रहे।