भारत में निवेश को विदेशी उत्साहित
जागरण संवाददाता, कानपुर : भारत की औद्योगिक स्थिति पहले से बेहतर हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के
जागरण संवाददाता, कानपुर : भारत की औद्योगिक स्थिति पहले से बेहतर हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया व स्टार्टअप ने इसमें चार चांद लगाए हैं। देश में विकास का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कनाडा, यूएस व यूके जैसे देश अब यहां निवेश कर रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण देश में युवाओं की बढ़ती संख्या है। आइआइटी के टेक्नोफेस्ट में शुक्रवार को व्याख्यान देने पहुंचे बांबे स्टॉक एक्सचेंज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष चौहान ने भारत की ग्रोथ रेट बढ़ने के संकेत भी दिए।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद उद्योगों की स्थिति और बेहतर हुई है। बेरोजगारी में भी कमी आई है। पहले जहां बेरोजगारी की दर 7 फीसद के करीब थी, वह अब गिरकर 4.46 फीसद पर आ गई है। रूरल में इसकी दर 3.81 फीसद व अर्बन में 5.74 फीसद है। सरकार रूरल सेक्टर पर विशेष ध्यान दे रही है जबकि बैंकिंग सेक्टर को भी मजबूत किया जा रहा है।
यूएस का 90 फीसद काम भारत में :
अमेरिका में एच 1 वीजा में किए गए बदलाव से भारत प्रभावित नहीं हुआ है क्योंकि यूएस के बिजनेस सेक्टर से जुड़े भारतीयों का 90 फीसद काम पहले ही भारत में आ चुका है। टेलीफोन व इंटरनेट के जरिए वे काम कर रहे हैं, ऐसे में वीजा में बदलाव का उन पर कोई असर नहीं है।
इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने की तैयारी
सरकार का ध्यान देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने में है। इसमें हेल्थ केयर, एजुकेशन, सर्विस व बैंकिंग सेक्टर मुख्य रूप से शामिल हैं।
दस साल में दो ट्रिलियन डॉलर निवेश की जरूरत :
श्री चौहान बताते हैं कि दस साल में देश को दो ट्रिलियन डॉलर निवेश की जरूरत है। अभी देश का सकल घरेलू उत्पादन ढाई ट्रिलियन डॉलर है जबकि लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रतिवर्ष 200 बिलियन डॉलर चाहिए। कनाडा व अमेरिका जैसे विकसित देशों से निवेश का पैसा आना इस बात का संकेत हैं, हम लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे।