गीतानगर में हॉस्टल से छात्रा लापता
जागरण संवाददाता, कानपुर : गीतानगर में हॉस्टल में रहकर आइआइटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही उन्नाव
जागरण संवाददाता, कानपुर : गीतानगर में हॉस्टल में रहकर आइआइटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही उन्नाव की एक छात्रा रविवार रात संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई। सोमवार सुबह हास्टल प्रबंधन ने छात्रा के परिजनों को जानकारी दी। इसके बाद हड़कंप मच गया। पुलिस को कमरे से सुसाइड नोट मिला है। तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज नहीं होने पर परिजनों ने कल्याणपुर थाने में हंगामा भी किया।
मूल रूप से उन्नाव के कृष्णा नगर में रहने वाले वीरेंद्र द्विवेदी कन्नौज में जिला पंचायत विभाग में क्लर्क हैं। उनकी इकलौती बेटी अंजलि उर्फ नेहा (18) ने पिछले साल 12वीं की परीक्षा पास की थी। नौ माह पहले पिता ने आइआइटी की तैयारी के लिए बेटी का काकादेव स्थित कोचिंग संस्थान में दाखिला कराया था। अंजलि गीतानगर क्रासिंग के पास डा. एके पाहुजा के गर्ल्स हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी। सोमवार सुबह करीब 10 बजे हॉस्टल प्रबंधन ने वीरेंद्र को फोन पर बताया कि उनकी बेटी रविवार रात आठ बजे बिना बताए हॉस्टल से कहीं चली गई और अब तक नहीं लौटी। उसका फोन भी स्विच ऑफ है। इसके बाद वीरेंद्र और अन्य परिजन हॉस्टल पहुंचे। नेहा के कमरे में उसका बैग, कपड़े, किताबें और मोबाइल पड़ा हुआ था। अलमारी में दो पन्नों एक सुसाइड नोट चस्पा था। हास्टल प्रबंधन की सूचना पर कल्यानपुर थाने की फोर्स पहुंची और जांच शुरू की। हॉस्टल की अन्य छात्राओं से पूछताछ की गई, लेकिन नेहा का पता नहीं लगा। रूममेट ने कहा कि नेहा दो दिन से परेशान दिख रही थी। परिजनों ने थाने में तहरीर दी। रिपोर्ट दर्ज न होने पर उन्होंने हंगामा भी किया।
सीसीटीवी में हॉस्टल से निकलते दिखी छात्रा
घटना के बाद हास्टल प्रबंधन ने सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली। बाहर लगे कैमरे में करीब आठ बजे अंजलि गेट खोलकर निकलते हुए दिखी। इससे पहले करीब साढ़े सात बजे प्रांगण में लगे कैमरे में वह एक सहेली पूनम से भी बात करते हुए नजर आई। तब वह काफी खुश लग रही थी। पूनम ने बताया कि अंजली किसी कजिन के यहां जाने की बात कह रही थी। हालांकि परिजनों ने काकादेव या आसपास किसी कजिन के होने की बात से इंकार किया। हॉस्टल संचालक डॉ. एके पाहुजा ने बताया कि रविवार को वह लखनऊ में थे। देर रात करीब साढ़े नौ बजे घर लौटे। सुबह अन्य छात्राओं ने उसके कमरे में नहीं होने की जानकारी दी। इस पर तत्काल परिजनों और पुलिस को सूचना दी।
एनआइटी में दाखिले का था दबाव
छात्रा अंजलि से उसके माता-पिता को काफी उम्मीदें हैं। एनआइटी में दाखिले का दबाव भी था। उसने लिखा है कि ..इतना रुपया खर्च हो गया मेरे ऊपर पर हमसे हुआ कुछ नहीं। घर की आर्थिक स्थिति तो वैसे भी खराब है। अगर हमें एनआइटी नहीं मिली तो और भी बुरी हालत हो जाएगी।
'सॉरी मम्मी पापा..'
सॉरी मम्मी पापा, आई वान्ट टू डाई, आई वान्ट टू डाई..। हमें माफ कर देना मम्मी पापा। हम ये करना तो नहीं चाहते थे पर हमें ये करना पड़ रहा है। क्योंकि इतने अच्छे-अच्छे बच्चे हैं कि हम उनके सामने कुछ हैं ही नहीं। हमारा दिमाग बहुत कमजोर है। हम आपके ऊपर बोझ नहीं बनना चाहते। बस इसलिए हम मरने जा रहे हैं। आप दोनों बहुत अच्छे हो, बस अपना ध्यान रखना और भइया का भी।
हम ये दुनिया छोड़कर जा रहे हैं, क्योंकि अगर हम अच्छे नंबर नहीं लाए तो बहुत बड़ी परेशानी हो जाएगी, हमें पता है। पापा अब भइया और मम्मी का ध्यान रखना, ठीक है। हमारी आत्मा को शांति तभी मिलेगी, जब भइया अच्छे से कुछ कमाने लगेगा। और पापा आप भी सही हो जाना और मम्मी को कुछ मत कहना मेरे लिए। हम ये दुनिया छोड़कर जा रहे हैं, अगले जन्म में मेरे मम्मी-पापा आप ही होंगे। हमसे नहीं हो पा रही पढ़ाई, बहुत सारा है। हम नहीं तैयार कर पा रहे, हमें माफ कर देना।
आपकी बिटिया।
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छात्रा के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें पढ़ाई न कर पाने के चलते छात्रा ने दुनिया छोड़कर जाने की बात लिखी है। छात्रा की तलाश में टीमें लगा दी गई हैं।
संजीव दीक्षित, सीओ कल्यानपुर
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