मनचाहे परीक्षा केंद्र बनाने पर कसा शिकंजा
जागरण संवाददाता, कानपुर : कानपुर समेत प्रदेश के पॉलीटेक्निक में दाखिले के लिए होने वाली प्रवेश परीक्
जागरण संवाददाता, कानपुर : कानपुर समेत प्रदेश के पॉलीटेक्निक में दाखिले के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा में अब कोई भी शिक्षण संस्थान परीक्षा केंद्र नहीं बन सकेगा। परीक्षा केंद्र बनाए जाने का अधिकार जोनल ऑफिसर से छीन लिया गया है। अब यह ज्वाइन डायरेक्टर व पॉलीटेक्निक प्रिंसिपल की देखरेख में होगा। प्रवेश परीक्षा प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए प्राइवेट कालेजों को परीक्षा केंद्रों से दूर रखा जाएगा। केवल सरकारी व सहायता प्राप्त कॉलेज ही परीक्षा केंद्र बनेंगे।
पॉलीटेक्निक प्रवेश परीक्षा में पारदर्शिता के चलते प्रवेश परीक्षा परिषद ने यह बड़ा निर्णय लिया है। पिछले साल तक किसी भी परीक्षा केंद्र बनाए जाने में ज्वाइंट डायरेक्टर व पॉलीटेक्निक प्रिंसिपल की स्वीकृति अनिवार्य नहीं रहती थी। जोनल ऑफिसर के पास यह अधिकार सुरक्षित था जिसके चलते किसी भी प्राइवेट कॉलेज को परीक्षा केंद्र बना दिया जाता था, लेकिन अब परीक्षा केंद्र बनाए जाने के नियम बदल दिए गए हैं। केंद्र बनाए जाने से पहले इंफ्रास्ट्रक्चर, बैठक व्यवस्था, शिक्षक व कर्मचारियों की संख्या का आकलन किया जाएगा। प्राइवेट कालेजों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने पर इस बार परिषद विचार नहीं करेगा। केवल राजकीय व सहायता प्राप्त कालेजों को ही केंद्र बनाया जाएगा जिनकी सूची तैयार की जा रही है।
जोनल मजिस्ट्रेट की निगरानी में होगी परीक्षा
पॉलीटेक्निक संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के सचिव डॉ. एफआर खान ने बताया कि दस परीक्षा केंद्रों के बीच में एक जोनल मजिस्ट्रेट तैनात किए जाने की योजना है। जिन जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए जाने हैं वहां के जिला प्रशासन को पत्र लिखा जा रहा है।
खास बातें :
-प्रवेश परीक्षा का आयोजन 23 अप्रैल को होगा
-चार लाख 47 हजार परीक्षार्थी होंगे शामिल
-एक लाख 44 हजार सीटों पर मिलेगा दाखिला
-प्रदेश में 149 सरकारी व सहायता प्राप्त पॉलीटेक्निक संचालित
-प्राइवेट पॉलीटेक्निक को मिलाकर 490 पॉलीटेक्निक में मिलेगा दाखिला