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संगीत के स्वरों से कुरीतियों पर प्रहार

जागरण संवाददाता/आलोक शर्मा, कानपुर : गाना गाने का शौक जिसे हो वह आपको किसी न किसी मंच पर गीत गाते दि

By Edited By: Published: Tue, 24 Jan 2017 02:09 AM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2017 02:09 AM (IST)
संगीत के स्वरों से कुरीतियों पर प्रहार
संगीत के स्वरों से कुरीतियों पर प्रहार

जागरण संवाददाता/आलोक शर्मा, कानपुर : गाना गाने का शौक जिसे हो वह आपको किसी न किसी मंच पर गीत गाते दिखाई देगा लेकिन पनकी के अभय मिश्रा ने अपने इस हुनर को सामाजिक कुरीतियां दूर करने में लगा दिया। उनके इस प्रयास को पत्‍‌नी से बल मिला और देखते ही देखते कला के माध्यम से कुरीतियों के खिलाफ लड़ने वालों का मंच बन गया। आज यह मंच कला के माध्यम से गंगाजल को स्वच्छ बनाने का अभियान छेड़े हुए है।

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चार साल पहले पड़ी नींव

पनकी निवासी अभय मिश्रा को बचपन से ही गाने का शौक था। कई मंचों पर उन्होंने गीत गाकर खूब तालियां और पुरस्कार बटोरे। 1999 में मां गंगा के बिगड़ते स्वरूप पर अचानक परेशान हो उठे और अभियान चलाने का निर्णय किया। इसी साल स्माल आ‌र्म्स फैक्ट्री में नौकरी शुरू की जिससे अभियान धीमा पड़ा। 2007 में शादी हुई। पत्‍‌नी प्रभा भी चित्रकार थीं। यहां से पत्‍‌नी का साथ मिला तो दोनो ने मिलकर फिर शुरूआत की। एक-एक कर कई लोगों को जोड़ा और मई 2013 को कला मंच की नींव पड़ी।

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यह चला रहे अभियान

-गंगा प्रदूषण

-पॉलीथीन मुक्त शहर

-नशामुक्त समाज

-शिक्षा के प्रति जागरुकता

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यह बनाए माध्यम

-गंगा प्रदूषण पर अभय ने कई गीत लिखे और अपनी आवाज देकर उन्हे यू ट्यूब पर अपलोड किया है। इसके साथ ही सीडी बनाकर लोगों को वितरित किया

-गंगा प्रदूषण पर 'विलुप्त होती संस्कृति-2014' एक डाक्यूमेंट्री फिल्म बनायी।

-'भागीरथ प्रयत्‍‌नम्' के नाम पर डाक्यूमेंट्री बना रहे हैं जिन्हे शहर के 21 घाट पर शूट किया जाएगा।

-संस्था के सदस्य बैनर, पोस्टर खुद तैयार करते हैं और लोगों के बीच जाकर जागरुक करते हैं।

-नुक्कड़ नाटक के जरिये विशेषकर मलिन बस्तियों में लोगों को भयावह तस्वीर दिखाते हैं और समस्या का हल बताते हैं।

-रैली के जरिये चित्रों की मदद से लोगों में जागरुकता पैदा करते हैं।

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किसी न किसी कला से जुड़े हैं संस्था के सदस्य

संस्था का प्रत्येक सदस्य किसी न किसी कला के माध्यम से ही अपना सहयोग दे रहा है। संस्था में गायक, चित्रकार, गीतकार, कवि, रिर्काडिस्ट, एनीमेशन के जानकार, एंकर, लेखक के साथ छात्र और कुम्हार (मिट्टी के बर्तन बनाने वाला) भी शामिल हैं।

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प्रतिभाओं को भी दिया सहारा

-संस्था प्रतिभाओं को भी सराहा दे रही है। प्रतिभावान बच्चों को कार्यक्रम में हिस्सा देकर उनके हुनर को निखारने में मदद करती है। -अनामिका त्रिपाठी (गंगा प्रदूषण के गीत)

-विशाखा सिंह (नुक्कड़ नाटक में एंक¨रग)

-युवराज सिंह रैपर गायक (नुक्कड़ नाटक में गीत)

-अंकिता शुक्ला (नुक्कड़ नाटक व गंगा प्रदूषण पर गीत)

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गंगा साफ करने का बनाया प्रोजेक्ट

अभय और प्रभा ने गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एक भागीरथ प्रयत्न के नाम से एक प्रोजेक्ट बनाया है जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय को भी भेजा है। अभय को जल्द ही इस पर केंद्र सरकार के पहल करने की उम्मीद है।


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