जीएसटी में 50 फीसद भी व्यापारी रजिस्टर्ड नहीं
जागरण संवाददाता, कानपुर : जीएसटी में रजिस्ट्रेशन का काम काफी धीमा चल रहा है। अभी तक 44 फीसद रजिस्ट्र
जागरण संवाददाता, कानपुर : जीएसटी में रजिस्ट्रेशन का काम काफी धीमा चल रहा है। अभी तक 44 फीसद रजिस्ट्रेशन ही हुए हैं। सोमवार को वाणिज्य कर मुख्यालय से आए अपर आयुक्त अनूप कुमार श्रीवास्तव ने लखनपुर में व्यापारियों के साथ बैठक में यह तस्वीर सामने रखी। उन्होंने रजिस्ट्रेशन की गति तेज करने की जरूरत बताई।
उन्होंने कहा कि कानपुर महानगर कारोबारियों का शहर है, इसके बाद भी यहां की धीमी गति चिंता का विषय है। यदि सभी व्यापार संगठन इस काम में साथ दें तो शत प्रतिशत लक्ष्य पाना मुश्किल नहीं है। अपर आयुक्त ने व्यापारी संगठनों से आह्वान किया कि वह अपने बाजारों में व्यापारियों के बीच जागरूकता पैदा करें। अभी अभियान चलाया जा रहा है फिर जांच की जाएगी। बैठक में अपर आयुक्त ग्रेड वन पीके द्विवेदी, केशव लाल और विजय कुमार खास तौर पर मौजूद रहे। व्यापार मंडल से राज कुमार गुप्ता, ज्ञानेश मिश्र, प्रेम मनोहर गुप्ता, राजे गुप्ता, विनय द्विवेदी, कपिल सब्बरवाल, उमंग अग्रवाल, ज्ञान दत्त वर्मा, संजय गुप्ता आदि प्रमुख रूप में उपस्थित रहे।
ये आए सुझाव
व्यापारियों ने ने सुझाव दिया कि एक बार रजिस्ट्रेशन की फाइनल तिथि घोषित करने के बाद उसे न बढ़ाया जाए। अब तक चार बार अंतिम तारीख बढ़ चुकी है। अभी एक दो बार और बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि पहली अप्रैल से जीएसटी लगने की संभावना काफी कम है। डोर टू डोर अभियान लगाने के साथ ही अंतिम तिथि के साथ ही हल्की पेनाल्टी का प्रावधान भी किया जाए। कुछ व्यापारियों को इसमें रजिस्ट्रेशन कराने में डर लग रहा है जिसे काउंसलिंग से दूर करना चाहिए।
सिविल डिफेंस भी करे सहयोग
अपर आयुक्त ने कहा कि सिविल डिफेंस का नेटवर्क हर क्षेत्र में है, उससे भी सहयोग लेना चाहिए। बैठक में मौजूद सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन आरके सफ्फड़ ने कहा कि वह यूपी केमिकल एंड डाई मर्चेट एसोसिएशन के महामंत्री भी हैं। उस हैसियत से भी वह केमिकल व्यापारियों के बीच जागरूकता करेंगे।
मोबाइल टीम कर रही उत्पीड़न
युवा मोटर ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष श्याम शुक्ला ने शिकायत की कि मोबाइल टीम ट्रांसपोर्टरों का उत्पीड़न कर रही है। मोबाइल टीम ट्रकों को पकड़ कर ट्रांसपोर्टर पर पैसा जमा करने का दबाव बनाती है। अधिकारी कहते हैं कि पहली वाले का पैसा जमा कराने पर ही दूसरी गाड़ी छोड़ी जाएगी।