काउंसिलिंग में आपत्ति के बाद भी दिया एडमिशन
कानपुर, जागरण संवाददाता : मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) फर्जीवाड़े मामले में जीएसवी
कानपुर, जागरण संवाददाता : मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) फर्जीवाड़े मामले में जीएसवीएम मेडिकल कालेज की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। सीबीआइ ने व्यापम के आरोपी एमबीबीएस वर्ष 2010 बैच के छात्र के दस्तावेज मांगे हैं। सीपीएमटी काउंसिलिंग के दौरान फोटो व चेहरा न मिलने पर काउंसिलिंग कमेटी के सदस्यों ने आपत्ति जताई थी फिर भी एडमिशन लिया गया। अब उसके दस्तावेज खंगालने पर हकीकत सामने आई।
चर्चित व्यापम फर्जीवाड़े की जांच में जुटी सीबीआइ के निशाने पर जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एमबीबीएस वर्ष 2010 बैच का छात्र सुरेंद्र कुमार अहिरवार है। सीबीआइ ने कालेज प्रबंधन को नोटिस देकर छात्र की फोटो, दस्तावेज एवं हैंड राइटिंग मिलान के लिए कापी मांगी है। इससे पहले एसआईटी एवं एसटीएफ की जांच के दौरान सुरेंद्र की गिरफ्तारी हुई थी। वह जेल से रिहा होने के बाद कालेज प्रबंधन से अनुमति लेकर हाल में एमबीबीएस के सेकेंड प्रोफेशनल की परीक्षा दी है। अब जब सीबीआइ ने उसके बारे में दोबारा जानकारी मांगी तो कालेज प्रबंधन हरकत में आया। उसके बाद उसकी काउंसिलिंग, एडमिशन के समय के दस्तावेजों की जांच की गई। इसमें सामने आया कि उसके प्रवेश पत्र की फोटो व चेहरा मैच नहीं कर रहे थे। सूत्र बताते हैं कि वर्ष 2010 की सीपीएमटी काउंसिलिंग के दौरान जीएसवीएम मेडिकल कालेज सेंटर के सदस्यों ने फोटो एवं चेहरे का मिलान नहीं होने पर आपत्ति जताई थी। इसके बावजूद आपत्ति को दरकिनार करते हुए उसके सीट एलाट की और एडमिशन भी दिया गया। इसका खुलासा होने पर आनन-फानन कालेज प्रबंधन ने कमेटी गठित की है। कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा।
एमबीबीएस सेकेंड प्रॉप की कॉपी सुरक्षित
सीबीआइ के दोबारा सूचना मांगने के बाद नई जानकारी होते ही कालेज प्रबंधन ने छात्र के सेकेंड प्रॉप की कापियां सुरक्षित कर ली हैं ताकि सीबीआइ अफसरों के मांगने पर उन्हें उपलब्ध कराई जा सकें।