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बुजुर्ग दंपती की हत्या में तीन युवकों को उम्रकैद

कानपुर, जागरण संवाददाता : बुजुर्ग शिक्षक दंपती की हत्या के मामले में शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश ईसी

By Edited By: Published: Sat, 22 Oct 2016 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 22 Oct 2016 01:00 AM (IST)
बुजुर्ग दंपती की हत्या में तीन युवकों को उम्रकैद

कानपुर, जागरण संवाददाता : बुजुर्ग शिक्षक दंपती की हत्या के मामले में शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट अनुपम कुमार ने तीन युवकों को उम्रकैद और 40-40 हजार रुपये जुर्माने की सजा से दंडित किया। मामला पूर्व शासकीय अधिवक्ता के बेटे से जुड़ा होने के चलते न्यायालय परिसर में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।

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घटना 29 अक्टूबर 2011 की है। टर्की में प्रोफेसर आलोक मिश्रा साकेत नगर निवासी पिता जगदंबा प्रसाद मिश्रा को लगातार फोन कर रहे थे लेकिन फोन स्विच ऑफ जा रहा था। उन्होंने मां को फोन लगाया, उनका फोन भी नहीं लगा। तब उन्होंने अर्मापुर निवासी अपने छात्र ओमकार नाथ अग्रहरि को घर भेजा। 31 अक्टूबर 2011 की सुबह आठ बजे वह घर पहुंचे तो जगदंबा प्रसाद मिश्रा और उनकी पत्‍‌नी लक्ष्मी मिश्रा का रक्तरंजित शव घर में पड़ा मिला। ओमकार ने ही किदवई नगर थाने में हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई।

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बेटों की तरह मानते थे प्रोफेसर

जूही निवासी तत्कालीन देहात न्यायालय में शासकीय अधिवक्ता का बेटा वरुण यादव, साकेत नगर निवासी अजय पाल सिंह उर्फ शीलू बीटेक कर रहे थे। दोनों काफी समय से राजकीय पालीटेक्निक में प्रधानाचार्य रहे जगदंबा प्रसाद मिश्र से पढ़ते थे। वह दोनों को बेटे की तरह मानते थे। अजय तो कई माह तक उनके घर पर भी रहा और बुजुर्ग दंपती को दादा-दादी कहता था।

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इस तरह रची साजिश

विशेष अभियोजन अधिकारी पीके सक्सेना और मनोज त्रिवेदी ने बताया कि दोनों ने अपने दोस्त बीसीए छात्र शफीक आलम के साथ रुपये लूटने की योजना बनाई। 29 अक्टूबर 2011 की शाम 6:30 बजे जब वह घर में लूट की घटना अंजाम दे रहे थे तभी लक्ष्मी मिश्रा ने देख लिया और पति को बता दिया। जिसके बाद तीनों ने चाकू और ब्लेड से गर्दन काटकर उनकी हत्या कर दी और घर में ताला लगाकर भाग निकले।

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सात दिन तक पुलिस को देते रहे चकमा

शासकीय अधिवक्ता सरला गुप्ता और विष्णु कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस ने मृतक दंपती के मोबाइल सर्विलांस पर लगाए तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। जगदंबा के मोबाइल पर अजय ने अपना सिम डालकर बात की थी। जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ और 7 नवंबर को पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। हत्या में प्रयुक्त चाकू व ब्लेड पीपीएम अस्पताल के पास से बरामद किया गया था। इस बीच अजय ने पुलिस को झूठ बोलकर खूब चकमा दिया था।


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