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सड़क पर कुत्ते काटते, छतों पर बंदर नोचते

कॉमन इंट्रो कानपुर, जागरण संवाददाता: शहरवासी दुविधा में है। घर की छत पर जाते हैं तो बंदर हमला करने

By Edited By: Published: Mon, 26 Sep 2016 01:01 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2016 01:01 AM (IST)
सड़क पर कुत्ते काटते, छतों पर बंदर नोचते

कॉमन इंट्रो

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कानपुर, जागरण संवाददाता: शहरवासी दुविधा में है। घर की छत पर जाते हैं तो बंदर हमला करने को तैयार दिखते हैं, सड़क पर निकलते हैं तो आवारा जानवर। देर रात अचानक घर से कहीं जाना पड़े तो कुत्ते काटने को तैयार रहते हैं। कुत्तों के दौड़ाने से दोपहिया वाहन सवार आए दिन हादसे का शिकार हो रहे हैं। लेकिन इससे नगर निगम को कोई फर्क नहीं पड़ता। विभाग मजबूरी जता और कागजी दावे कर चुप्पी साध लेता है। शहरवासी अब अपनी परेशानी आखिर किससे कहें। बस खुद ही किसी तरह अपनी और परिवार की सुरक्षा कर रहे हैं।

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आवारा कुत्ते हो गए खतरनाक

शहर की सड़कों पर घूमते लगभग एक लाख आवारा कुत्ते बारिश में और खतरनाक हो जाते है। पॉश इलाके तक इनसे अछूते नहीं है। स्वरूप नगर, सिविल लाइंस, वीआईपी रोड समेत अन्य स्थानों में झूंड में घूमते कुत्ते पलक झपकते हमला कर देते हैं। रात में लोगों का सड़कों पर निकलना दूभर हो गया है। वाहनों का हार्न बजते ही कुत्ते टूट पड़ते है। कई दोपहिया वाहन सवारों को जख्मी कर चुके हैं। नगर निगम ने कुत्तों का बंध्याकरण शुरू कराया है लेकिन यह इतनी धीमी गति से हो रहा है कि समस्या से निजात मिलने में कई साल लग जाएंगे। वन विभाग भी बजट का अभाव बता पल्ला झाड़ने में लगा हुआ है।

यहां भी मुसीबत

काकादेव, लाल बंगला, किदवईनगर, रावतपुर, चमनगंज, बेकनगंज, मरियमपुर, गांधीनगर, जवाहर नगर, शास्त्रीनगर, विजय नगर, रामबाग, कर्नलगंज, छपेड़ापुलिया, जाजमऊ, डिफेंस कालोनी, कल्याणपुर, आवास विकास योजना तीन कल्याणपुर, इंदिरा नगर, मालरोड समेत कई इलाकों में कुत्तों का आंतक है।

घरों में कैद होकर रह गए लोग

शहर में 35 हजार से ज्यादा बंदरों ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। बाबूपुरवा में एक बड़ा तबका बंदरों के खौफ से दहशतजदा है। सुबह झुंड में आने वाले बंदरों को देख लोग अपने घरों के खिड़की-दरवाजे बंद कर लेते हैं। अगर खुला मिला तो अंदर घुस सामान तहस-नहस कर देते हैं। राह चलते लोगों के हाथ से सामान छीन लेना आम बात हो गई है।

इन इलाकों में है बंदरों का आतंक

श्यामनगर, किदवईनगर, पनकी, सर्वोदय नगर, काकादेव, दर्शनपुरवा, परमट, काकादेव, नवाबगंज, रावतपुर समेत कई जगह लोगों का छतों पर जाना दूभर हो गया है। बंदरों का झुंड अचानक हमला कर देता है।

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कुत्तों के बंध्याकरण को बढ़ेंगे बेड

(दैनिक जागरण की खबर का असर)

दैनिक जागरण ने पिछले दिनों आवारा कुत्तों के खिलाफ अभियान चलाया था। इसका असर भी दिखाई देने लगा है। अभी तक रोजाना सिर्फ छह से सात कुत्तों का बंध्याकरण हो रहा था, क्योंकि फूलबाग में सिर्फ 30 बेड का अस्पताल है। अब ज्यादा से ज्यादा कुत्तों का बंध्याकरण हो सके, इसके लिए पचास बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है। पांच लाख रुपये से फूलबाग में बने अस्पताल का विस्तार शुरू हो गया है। डेढ़ माह में काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद रोजाना 15 कुत्तों का बंध्याकरण होगा। अभी तक साढ़े तीन सौ कुत्तों का बंध्याकरण हो चुका है।

अभियान में धनाभाव

कुत्तों व बंदरों को पकड़ने के लिए धनाभाव सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। इसके लिए कोई अलग से बजट नहीं है। नगर निगम एक कुत्ते के बंध्याकरण के लिए 618 रुपये दे रही है। बंदर भी पहले नगर निगम पकड़ रही थी। इसके लिए एक बंदर पकड़ने व छोड़ने के लिए संस्था को 299 रुपये देती थी। बाद में नगर निगम ने हाथ खड़े कर दिए।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

बंदरों को पकड़ने के लिए विभाग के पास बजट नहीं है। जहां सूचना मिलती है वहां पर पिंजरा लगा दिया जाता है। अगले माह बंदरों को पकड़ने के लिए अभियान चलाने की तैयारी चल रही है।

एसएस श्रीवास्तव डीएफओ

आवारा कुत्तों को पकड़ने के साथ ही बंध्याकरण भी हो रहा है। बंध्याकरण में तेजी लाने के लिए अस्पताल में बेड बढ़ाए जा रहे हैं। इससे जल्द ही कुत्तों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।

- डॉ एके सिंह, पशु चिकित्साधिकारी

अब तक हुई प्रमुख घटनाएं

0 सर्वोदय नगर, काकादेव, पाण्डुनगर, मरियमपुर, गाधीनगर व जवाहर नगर में आवारा कुत्तों ने दर्जनों लोगों को काटा।

0 बंदर के दौड़ाने पर कौशलपुरी में एक व्यक्ति की मौत।

0 बाबूपुरवा, परमट, सर्वोदय नगर, किदवईनगर, श्यामनगर में बंदर कई लोगों को काट चुके हैं।

यह बरतें सावधानी

0 सुनसान इलाकों में संभलकर निकलें

0 जानवरों को देख हार्न बजाने से बचें

0 जानवर को न परेशान करें, अगर कुत्ता दौड़ा रहा है तो खड़े हो जाएं।

0 छत पर जाने से पहले देख लें कि बंदर तो नहीं है।


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