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घरों के बाहर फेंका जा रहा कूड़ा

कानपुर, जागरण संवाददाता: शहर में नई व्यवस्था से पहले डोर टू डोर कूड़ा उठान बंद होने के चलते चौतरफा फै

By Edited By: Published: Mon, 26 Sep 2016 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2016 01:00 AM (IST)
घरों के बाहर फेंका जा रहा कूड़ा

कानपुर, जागरण संवाददाता: शहर में नई व्यवस्था से पहले डोर टू डोर कूड़ा उठान बंद होने के चलते चौतरफा फैली गंदगी मुसीबत बन गई है। अब घरों का कूड़ा सड़क पर फेंका जा रहा है। नतीजा, शहर में फैली गंदगी बीमारी को न्यौता दे रही है।

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65 वार्डो में चल रहा डोर टू डोर कूड़ा उठान नगर निगम ने दो दिन पहले बंद कर दिया लेकिन कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की। इसका नतीजा यह रहा कि लोग कूड़ा सड़क पर फेंक रहे हैं या रात में चुपके से पड़ोसी की तरफ कूड़ा फेंक देते हैं। घरों के बाहर फैली गंदगी अब नगर निगम के साथ जनता के लिए भी मुसीबत बन गई है। सांस लेना दूभर हो गया है। रही सही कसर बारिश ने पूरी कर दी है। शास्त्रीनगर, विजय नगर, बादशाही नाका, छपेड़ा पुलिया, शारदानगर, गीतानगर, किदवईनगर, यशोदानगर, हंसपुरम, आवास विकास योजना एक कल्याणपुर समेत कई जगह फैला कूड़ा व्यवस्था की पोल खोल रहा है।

गांधीनगर के गोलू वाजपेयी, खलासी लाइन के आरके शुक्ल, विष्णुपुरी के अंकुर त्रिवेदी ने बताया कि डोर टू डोर कूड़ा उठना चाहिए। सड़क पर कूड़ा फेंकने से आवारा जानवरों का झुंड लगा रहता है। जब तक नई व्यवस्था लागू नहीं हो जाती इसे लागू रखा जाना चाहिए था। 20 अक्टूबर को निजी कंपनी घर-घर से कूड़ा उठाएगी, तब तक तो शहर का हाल बेहाल हो जाएगा। डेंगू, मलेरिया, बुखार से लोग पहले ही पीड़ित है।

दो दिन में एकत्र हो गया पांच सौ टन कूड़ा

एक माह चले विशेष सफाई अभियान में कई इलाके साफ हो गए थे लेकिन फिर वहीं स्थिति हो गई है। सड़क पर फैली गंदगी न उठ पाने के कारण दो दिन में पांच सौ टन कूड़ा इकट्ठा हो गया है।


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