जर्जर लाइनों में फंसकर टूट न जाएं उम्मीदें
कानपुर, जागरण संवाददाता : महानगर को अक्टूबर माह से 24 घंटे बिजली देने का सपना सिर्फ कागजी है। धरातल
कानपुर, जागरण संवाददाता : महानगर को अक्टूबर माह से 24 घंटे बिजली देने का सपना सिर्फ कागजी है। धरातल को देखकर कोई काम नहीं किया जा रहा है। दरअसल शहर में करीब 900 किमी. लंबी लाइनों का जाल अपनी मियाद पूरी कर चुका है। लाइनें जर्जर हो चुकी हैं, वह शहर पर मौत बनकर लटक रही हैं। यह लाइनें आएदिन बड़े फाल्ट का कारण बन रही हैं, इनके टूटने से लंबे समय तक बत्ती गुल रहती है। अगर इन्हीं लाइनों को 24 घंटे बिजली दौड़ेगी तो कैसे केस्को शहर को निर्बाध बिजली देगा।
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291 किमी. एचटी लाइनें भी जर्जर
महानगर में करीब 291 किलोमीटर एचटी लाइनें भी जर्जर हो चुकी हैं, इन्हीं पर करंट दौड़ाया जा रहा। सुधार को ध्यान में रखकर केस्को ने दो वर्ष पूर्व प्रस्ताव बनाया था, उसे शासन को भेजा गया।
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इतनी नई लाइनों की जरूरत
लंबित कार्य संख्या
33 केवी भूमिगत केबिल 558
33 केवी जर्जर तार 129
11 केवी भूमिगत केबिल 409
11 केवी पुराने तार 162
एलटी एरियल बंच केबिल 1116
(केबिल व तार किमी. में है)
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भूमिगत केबिल बिछाने का काम सुस्त
मालरोड, साइकिल मार्केट व बाबूपुरवा इलाके में 117 करोड़ रुपये से भूमिगत लाइन बिछाने का काम सुस्त चल रहा है। धन आवंटन के बाद भी प्रोजेक्ट का टेंडर ही फाइनल नहीं हो सका। तीन कंपनियों में से किसी एक को प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सौंपी जानी है। यह काम अगर धरातल पर हो जाए तो बड़ी आबादी को फाल्ट मुक्त बिजली आपूर्ति हो सकेगी।