टेंडर में फर्जी एफडी, दो साल की फाइलें तलब
कानपुर, जागरण संवाददाता: नगर निगम के टेंडरों में ठेकेदारों द्वारा दो फीसद जमानती राशि की फर्जी एफडी
कानपुर, जागरण संवाददाता: नगर निगम के टेंडरों में ठेकेदारों द्वारा दो फीसद जमानती राशि की फर्जी एफडी लगाने के मामले में स्थानीय निकाय लोक लेखा परीक्षा समिति के चेयरमैन ने दो साल में हुए टेंडरों की फाइलें तलब की हैं।
सर्किट हाउस में मंगलवार को हुई बैठक में मुख्य अभियंता मनीष सिंह ने बताया कि अब ठेकेदारों से बैंकों की लिखित गारंटी मांगी जा रही है। इस पर चेयरमैन अजय कपूर ने पूछा पहले हो चुके घपलों का क्या होगा? वर्ष 2001 से 2005 के बीच निगम के पास 35 करोड़ की एफडी थी, फिर भी ओवरड्राफ्ट लेकर करोड़ों रुपये का ब्याज बैंक को दिया। आडिट विभाग के निदेशक आरके तिवारी ने संबंधित अफसरों से रिकवरी व मुकदमा दर्ज कराने की बात कही। बैठक में नगर आयुक्त उमेश प्रताप सिंह ने कहा कि पुलिस सड़क खोदने व अफसरों से अभद्रता करने तक की तहरीर नहीं लेती है। चेयरमैन ने कहा कि अब नगर आयुक्त की स्वीकृति के बिना कहीं खोदाई नहीं होगी। अभी इसकी मंजूरी प्रशासन देता है।
उर्सला में नहीं मिला दवा का रिकार्ड
उर्सला के निरीक्षण में ओपीडी के औषधि वितरण काउंटर पर दवाओं के रिकार्ड की जगह पर्चियां देख चेयरमैन भड़क गए। सीएमओ को उन्होंने सीएमएस व फार्मासिस्ट पर कार्रवाई करने के निर्देश दिये। बैठक व निरीक्षण में समिति के सदस्य विधायक इरफान सोलंकी, राकेश यादव, बाला प्रसाद अवस्थी, डॉ. सियाराम सागर, राज नारायण गुधौलिया शामिल थे।