पानी मिला नहीं, हो गए 85 लीकेज
कानपुर, जागरण संवाददाता: आठ साल से जनता पीने के पानी का इंतजार कर रही है लेकिन पीने का पानी अभी तक घ
कानपुर, जागरण संवाददाता: आठ साल से जनता पीने के पानी का इंतजार कर रही है लेकिन पीने का पानी अभी तक घरों में लगे नलों में नहीं पहुंचा है बल्कि टेस्टिंग के दौरान जमीन में दफन करोड़ों रुपये के राज भ्रष्टाचार के फव्वारे के रुप में खुल गए है। जगह-जगह खुले भ्रष्टाचार फव्वारे में करोड़ों लीटर पीने का पानी सड़क व नाली में बह गया।
पिछले आठ माह से रुक-रुक कर पड़े पाइपों की टेस्टिंग हो रही है। अब तक लगभग 85 लीकेज मिले है। एक लीकेज को ठीक करने में 20 हजार से ढाई लाख रुपये तक खर्च होते है। सूत्रों के अनुसार एक करोड़ तक लीकेज ठीक करने में खर्च हो चुका है। लीकेज ठीक होने के बाद भी अभी तक जनता को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है।
विष्णुपुरी में मंगलवार को हुई टेस्टिंग के दौरान आठ स्थानों में लीकेज हो गया था। कंपनी बाग चौराहा पर ही लीकेज होने से फव्वारा बन गया। सड़क पर पानी भरने के चलते दिनभर जाम लगा रहा। इसको ठीक करने के लिए गुरुवार को जल निगम की टीम सारा दिन जुटी रही।
यहां चल रही टेस्टिंग
कंपनी बाग से रावतपुर, रावतपुर से डबलपुलिया, डबलपुलिया से विजय नगर, मकरावर्टगंज, विष्णुपुरी, सर्वोदय नगर, नवाबगंज समेत कई इलाकों में टेस्टिंग चल रही है।
यहां चल रही पाइप डालने की खोदाई
साकेत नगर, फूलबाग, बजरिया, परेड, मकराबर्टगंज में पाइप डालने के लिए खोदाई चल रही है।
टंकियों की टेस्टिंग पर क्या होगा
जूही, फूलबाग, रामबाग, गीता पार्क रामबाग, श्यामनगर, किदवईनगर, गुजैनी समेत दो दर्जन से ज्यादा बनी टंकियों की टेस्टिंग होगी तब क्या होगा। दर्शनपुरवा में हुई टेस्टिंग में लीकेज मिला था बाद में टेस्टिंग बंद कर दी गयी।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
टेस्टिंग करायी जा रही है। लीकेज मिले है उनको तुरन्त ठीक कराया जा रहा है पाइप डालने वाले ठेकेदार ही ठीक करेंगे और चालू करके व्यवस्था देंगे तभी पूरा भुगतान होगा। जल्द पंपिंग स्टेशन व टंकियों तक पानी पहुंचाने की तैयारी है।
- राकेश चौधरी परियोजना प्रबंधक जल निगम
चार साल पहले पड़े रबर के पाइप दब गए
चार साल पहले घरों तक पानी पहुंचाने के लिए मकानों के बाहर फुटपाथ पर जल निगम ने नीले रंग के रबर के पाइप डाले थे। फुटपाथ व सड़क बनने पर कई जगह पाइप दब गए है जो बचे है उनको जानवर चबा गए है।