अफसर-नेता, संत-महंत दे रहे वकालत का इम्तिहान
विक्सन सिक्रोड़िया, कानपुर : दिन भर जनता की समस्याएं सुनने, उन्हें हल करने व विकास कार्यो के लिए योजन
विक्सन सिक्रोड़िया, कानपुर : दिन भर जनता की समस्याएं सुनने, उन्हें हल करने व विकास कार्यो के लिए योजनाएं बनने में व्यस्त रहने वाले अधिकारी हों या राजनैतिक दलों के नेता अथवा भगवा चोला धारण किए साधु-संत सभी अपना कीमती समय निकालकर वकालत की पढ़ाई कर रहे हैं। सीएसजेएमयू की एलएलबी परीक्षाओं में ऐसे तमाम लोगों को छात्र बनकर परीक्षा देते देखा जा सकता है।
सीएसजेएमयू की एलएलबी की परीक्षा में इस बार 28 हजार छात्र-छात्राएं शामिल हुए हैं। एलएलबी की सेमेस्टर परीक्षाओं के लिए 36 केंद्र बनाए गए हैं। इनमें 20 परीक्षा केंद्र स्ववित्तपोषित महाविद्यालय व 16 सरकारी एवं सहायता प्राप्त महाविद्यालय शामिल हैं। परीक्षा के समय केंद्रों का आलम देखने वाला रहता है। छात्रों के रूप में उम्रदराज और कारों से आने वाले परीक्षाथियों की संख्या काफी रहती है। इन्हीं के बीच कोई पुलिस अधिकारी होता है तो कोई राष्ट्रीय पार्टी का नेता, तो संत और महंत भी अंतिम समय में कानून की किताबें पढ़ते नजर आ जाते हैं। भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी एलएलबी की तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा दे रहे हैं। मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ बाजपेई भी तीसरे सेमेस्टर के छात्र के रूप में परीक्षा में शामिल हुए हैं। इन नेताओं के अलावा पनकी मंदिर के महंत जितेंद्र दास एलएलबी तीसरे वर्ष की परीक्षा दे रहे हैं।
आगे एलएलएम और पीएचडी भी करुंगा
बीएनडी डिग्री कालेज केंद्र पर परीक्षा दे रहे भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी का कहना है कि अपने रोजमर्रा के काम निपटाने के बाद वह रात दस बजे से लेकर दो बजे तक गंभीरता से पढ़ाई करते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी नजर में यह परीक्षा सरल है। राजनीति से जुड़े होने और व्यापारी होने के कारण उन्हें कंपनी एक्ट व प्रशासन और पुलिस के नियमों की काफी जानकारी है। इससे जुड़े दोनों प्रश्न पत्रों में अच्छे नंबर आने की उम्मीद है। एसएलबी के बाद उनका एलएलएम व पीएचडी भी करने का इरादा है।
मंदिर की पैरवी करने को वकालत की पढ़ाई
एलएलबी की पढ़ाई करने के लिए पनकी मंदिर के महंत जितेंद्र दास ने गया प्रसाद विधि महाविद्यालय में प्रवेश लिया था। वह प्रमोद चरण विधि महाविद्यालय चौबेपुर में परीक्षा दे रहे हैं। महंत जितेंद्र दास ने बताया कि ज्ञान जितना भी प्राप्त किया जाए कम है। उन्हें एलएलबी की पढ़ाई करने की प्रेरणा अपने आसपास के माहौल से मिली। मंदिर की जमीन पर मुकदमों को लेकर वकीलों से राय मशविरा करना पड़ता है। जमीन पर कब्जा करने वालों को सबक सिखाने के लिए अब वह खुद वकालत की पढ़ाई कर रहे हैं। अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वह इसे गंभीरता से ले रहे हैं।
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पहले कई बार छूट चुकी थी परीक्षा
मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ बाजपेई ने बताया कि काम की व्यस्तता के चलते वे एलएलबी की परीक्षा कई बार छोड़ चुके थे। इस बार परीक्षा में शामिल होने के लिए पहले से तैयारी कर रहे थे। कालेज में जाकर फिर से पुरानी यादें ताजा हो गई। समय की कमी के चलते परीक्षा की तैयारी उनके लिए मुश्किल जरूर हो रही है लेकिन वे अब डिग्री लेकर ही विश्वविद्यालय से निकलेंगे। आगे के सेमेस्टर में होने वाली परीक्षाओं की तैयारी को लेकर भी वह गंभीर हैं।