सराफा कारोबार बंद, कारोबारी सड़क पर
कानपुर, जागरण संवाददाता : दो के स्थान पर पांच लाख रुपये की ज्वैलरी खरीद पर पैनकार्ड अनिवार्यता लागू
कानपुर, जागरण संवाददाता : दो के स्थान पर पांच लाख रुपये की ज्वैलरी खरीद पर पैनकार्ड अनिवार्यता लागू करने की मांग को लेकर बुधवार को शहर का सराफा कारोबार पूरी तरह बंद रहा। चौतरफा विरोध की लहर में कारोबारी सड़क पर रहे। उप्र सराफा एसोसिएशन की रणनीतिक तैयारी से अभूतपूर्व बंदी में व्यापार मंडल भी साथ खड़े हुए। नतीजतन थोक, फुटकर बाजारों से लेकर मोहल्लों की गलियों में इकलौती दुकानों तक में ताले लटके रहे।
आल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी फेडरेशन, आल इंडिया बुलियन एंड ज्वैलरी एसोसिएशन के आह्वान पर उप्र सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश चंद्र जैन ने शहर की थोक, फुटकर बाजारों के साथ प्रदेश में बंदी का एलान किया था। कई दिन से बंदी की रणनीति तैयार कर रहे श्री जैन के कुशल प्रबंधन से बुधवार को शहर के बिरहाना रोड, नयागंज, चौक सराफा, धोबी मोहाल, नवाबगंज, कर्नलगंज, गोविंद नगर, लालबंगला, पी रोड, किदवईनगर, बर्रा, गुमटी नंबर पांच, कल्याणपुर व रायपुरवा, नौबस्ता, हंसपुरम की बाजारों में दुकानों के शटर नहीं उठे। थोक व फुटकर के साथ ग्रामीणांचल के बिल्हौर, घाटमपुर, पतारा, बिधनू तक इक्का-दुक्का दुकानों में भी ताले लटके रहे। कानपुर देहात के कस्बों की दुकानें भी बंद रहीं। बंदी के साथ सराफा कारोबारियों ने बाजारों में घूमने के साथ नारेबाजी कर तल्खी जाहिर की। बंदी के दौरान नयागंज पीपल वाली कोठी के पास एकत्रित हुए कारोबारियों ने केंद्र सरकार की हठधर्मिता पर नाराजगी जताई। सराफा कारोबारियों ने दो टूक कहा कि पैनकार्ड अनिवार्यता दो के बजाय पांच लाख रुपये की ज्वैलरी खरीद पर लागू करो। इससे नीचे किसी भी कीमत पर बात नहीं बनेगी।
उप्र उद्योग व्यापार मंडल श्यामबिहारी गुट समेत अन्य व्यापार मंडल भी समर्थन में खड़े हुए। प्रदेश कोषाध्यक्ष रामनाथ महेंद्र, नीरज दीक्षित, कैलाश अग्रवाल, गोपाल अग्रवाल, रवि गुप्ता, ललित वोरा, प्रेमप्रकाश मिश्रा, विपिन वर्मा, नटवर मिश्रा, अर्पित बाजपेई, अरुण गोयल रहे।
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पैन अनिवार्यता से कारोबार में गिरावट
उप्र सराफा एसोसिएशन के मुताबिक दो लाख रुपये ज्वैलरी खरीद पर पैनकार्ड अनिवार्यता एक जनवरी से लागू होने के बाद से कारोबार में जबर्दस्त गिरावट आई है। अब तक 40 से 50 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे ही हालात बने रहे तो दिक्कतें और बढ़ेंगी।
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प्रदेश के जिलों में बंद असरदार
उप्र सराफा एसोसिएशन के मंत्री रामकिशोर मिश्र ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष महेश चंद्र जैन के निर्देशन पर प्रदेश के उन्नाव, फतेहपुर, लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, बस्ती, गोंडा, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, बरेली, झांसी, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट, मेरठ, आगरा, मथुरा के साथ ही प्रदेश के प्रत्येक जिले में सराफा कारोबार ठप रहा और दुकानें नहीं खुली।
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400 करोड़ का कारोबार प्रभावित
उप्र सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश चंद्र जैन ने बताया कि सराफा बंदी से प्रदेश में 400 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ। पहली बार प्रदेश में कारोबार बंदी के पुराने रिकार्ड टूट गए। थोक बाजारों के शोरूमों से लेकर गली-कूचे तक दुकानें बंद रहीं। श्री जैन ने कहा कि एक दिन की बंदी के बाद भी केंद्र सरकार ने रुख न बदला तो फिर बड़ा आंदोलन होगा। जब तक पैनकार्ड अनिवार्यता दो लाख के स्थान पर पांच लाख रुपये की ज्वैलरी खरीद पर नहीं होती तब तक कारोबारी चुप नहीं बैठेंगे।
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पहले भी हो चुकी बंदी
सराफा कारोबारी बीते साल एक लाख रुपये की ज्वैलरी खरीद पर पैनकार्ड अनिवार्यता को लेकर बंदी कर चुके हैं। इसमें एक माह तक आंदोलन चला था। उस वक्त केंद्र सरकार बैकफुट पर आ गई थी लेकिन थोड़े दिन दो लाख सीमा कर दी। एक्साइज ड्यूटी लगाने को लेकर आंदोलन में भी केंद्र सरकार को मुंह की खानी पड़ी थी। अब 29 फरवरी को प्रस्तावित बजट के मद्देनजर कारोबारी तल्ख हैं। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को निशाने पर लेने का मन बना चुके हैं।